ussian Oil Tankers Disappears: रूस और यूक्रेन के बीच जंग के कारण दुनियाभर में तेल संकट पैदा हो गया है। खासतौर पर रूस, जो कि तेल का अहम आपूर्ति करने वाला देश है, उससे यूरोपीय देशों ने तेल आपूर्ति बंद कर दी हे, रूस ने भी तेल उन्हें देना लगभग बंद कर दिया है। तेल संकट के बीच रूस के तेल टैंकर्स के गायब होने की खबरें आई हैं। पुर्तगाल के अजोरेस आईलैंड के पास रूस के 3 तेल टैंकर्स ट्रैकिंग सिस्टम से गायब हो गए हैं। आइल के संकट के बीच तेल टैंकर्स का गायब होना बड़े सवाल खड़े कर रहा है, लेकिन इसके कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।
क्यों बढ़ा तेल का संकट?
यूक्रेन से जंग के बाद से ही रूस के ट्रैकिंग रडार से तेल टैंकर्स गायब होने के मामले बढ़े हैं। दरअसल, अमेरिका और यूरोपीय देशों ने जंग के कारण रूस पर प्रतिबंध लगा दिए, इसके बाद से ही दुनियाभर में तेल का संकट बढ़ा है।
क्या है ताजा मामला?
ऐसी खबरें हैं कि पिछले करीब 10 दिनों से पुर्तगाल के अजोरेस आईलैंड के पास रूस के तीन तेल टैंकर ट्रैकिंग सिस्टम से गायब हो गए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार हाल के समय में तेल टैंकर्स गायब होने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अटलांटिक सागर के 9 अजोरेस द्वीप समूह पुर्तगाल का हिस्सा हैं और ये यूरोप से करीब 1000 मील दूर हैं।तेल टैंकर्स के गायब होने की ये है वजह?
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने किसी भी समुद्री जहाज के ट्रैकिंग सिग्नल के बंद होने को समुद्री रडार से बचने के हथकंडों में से एक माना है। यानी यदि कोई जहाज चाहे तो अपनी लोकेशन डेटा को बद करके यह छिपा सकता है कि वह किस दिशा की ओर या फिर कहां जा रहा है। इस तरीके से शिप की अन्य एक्टिविटीज से जुड़ी जानकारियों को भी आसानी से छिपाया जा सकता है।
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय नियम?
अंतरराष्ट्रीय नियम यह कहता है कि इंटरनेशनल यात्रा करने वाले कुछ जहाजों को हर टाइम अपनी एआईएस लोकेशन का ब्रॉडकास्ट करना जरूरी होता है। डेटा एनालिटिक्स की मानें तो यदि जहाज का एआईएस ट्रांसपॉन्डर बंद किया गया है, तो इसका एकमात्र कारण यही है कि जहाज ले जाने वाले नहीं चाहते कि वो कहां जा रहे हैं, इसका किसी को पता चले।
क्या प्रतिबंधों से बचने की है चाल?
- कई देश जिन्हें तेल की बहुत जरूरत है, लेकिन वे प्रतिबंधों के कारण रूस से तेल नहीं खरीद पा रहे हैं, तो ऐसे में एक संभावना यह बन रही है कि रूस के साथ कारोबार करने पर लोगों के सार्वजनिक गुस्से से बचने के हथकंडे के रूप में ऐसी घटनाओं को देखा जा रहा है।
- दूसरी संभावना यह बन रही है कि रूस का तेल जिन टैंकर्स में भरा हुआ है, उन्हें किसी गैर रशियन जहाज में शिफ्ट किया जा सकता है। ताकि खरीदार तेल भी प्राप्त कर सके और रूस के साथ किसी तरह का जुड़ाव जाहिर होने से भी बच सके।
जब से जंग शुरू हुई, तेल टैंकर्स के गायब होने के मामले बढ़े
मीडिया रिपोर्ट्स में आई एजेंसियों की रिपोर्ट्स के डेटा के अनुसार रूस के तेल टैंकर्स के ट्रैकिंग सिग्नल बंद होने की घटनाएं यूक्रेन पर हमले के बाद 3 गुना तक बढ़ गई हैं। पहले ये घटनाएं सप्ताह में एक बार होती थीं। लेकिन 24 फरवरी से 24 मई के बीच यह घटनाएं सप्ताह में करीब 10 बार हुई हैं। हाल के समय में रूस के ओलिगार्क से जुड़े हुए सुपरयाट भी ट्रैकिंग सिस्टम से अचानक गायब हो गए। रूसी गैस क एक टायकून का 15 करोड़ डॉलर की राशि वाला सुपरयाट पिछले माह कनेरी द्वीप के पास ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए दोबारा ट्रैक हुआ था। दरअसल, दो सप्ताह पहले ही यह सुपरयाट भी ट्रैकिंग सिग्नल से अचानक ही गायब हो गया था।
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