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रूसी पैसा ही बनने जा रहा रूस का काल, यूरोप ने चल दी पुतिन के खिलाफ ऐसी शतरंजी चाल

यूरोपीय देशों की शतरंजी चाल ने पुतिन को बेहद मुश्किल में फंसा दिया है। अब रूस की संपत्तियों से अर्जित पैसा का इस्तेमाल उसके ही खिलाफ जंग लड़ने के लिए यूक्रेन को दिया जा रहा है। दरअसल रूसी पैसे को जब्त करके यूरोप ने उसके ब्याज की राशि को यूक्रेन को देने का ऐलान किया है।

व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति। - India TV Hindi Image Source : AP व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति।

हेग (नीदरलैंड्स): यूरोपीय संघ (ईयू) की एक शतरंजी चाल से अब रूसी पैसा ही यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का काल बनने जा रहा है। यूरोपीय देशों ने ऐसी चाल चल दी है, जिससे रूस के पैसे से कमाई गई ब्याज की राशि से खरीदे गए हथियार और गोला-बारूद मॉस्को पर हमला करेंगे। दरअसल यूक्रेन पर हमले का जिम्मेदार ठहराते हुए अमेरिका समेत यूरोप ने अपने देशों में रूसी संपत्तियों को सीज कर दिया था। इस पर मिली ब्याज की रकम को अब यूक्रेन की मदद करने में इस्तेमाल किए जाने का ऐलान किया गया है।

यूरोपी ने  शुक्रवार को घोषणा की कि उसने यूक्रेन की सहायता के लिए 1.5 अरब यूरो यानि (1.6 अरब अमेरिकी डॉलर) जुटाए हैं। यह धन रूस की ‘फ्रीज’ की गई राशि के मुनाफे से प्राप्त ब्याज की पहली खेप है। बता दें कि मई में यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों ने रूसी केंद्रीय बैंक की परिसंपत्तियों में शामिल 210 अरब यूरो (225 अरब अमेरिकी डॉलर) से अर्जित ब्याज का युद्धग्रस्त यूक्रेन को सैन्य सहायता पहुंचाने और वहां पुनर्निर्माण के प्रयासों पर खर्च करने पर सहमत हुए हैं।

यूरोप ने लगाई हैं रूस पर पाबंदियां

रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध छेड़ने पर यूरोप ने रूस पर पाबंदियां लगाने के तहत उसके पैसे को ‘फ्रीज’ कर दिया गया था। इनमें से ज्यादातर पैसा बेल्जियम में है। ब्रुसेल्स का अनुमान है कि इन परिसंपत्तियों पर ब्याज से प्रति वर्ष लगभग तीन अरब यूरो प्राप्त हो सकता है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सूला वोन डेर लेयेन ने एक बयान में कहा, ‘‘यूरोपीय संघ यूक्रेन के साथ खड़ा है। आज हम यूक्रेन की रक्षा और पुनर्निर्माण के लिए ‘फ्रीज’ कर दी गयी रूसी परिसंपत्तियों से प्राप्त 1.5 अरब यूरो उसे दे रहे हैं। क्रेमलिन के पैसे का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता।  यह कदम रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो गांवों पर पुनः कब्जा करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद उठाया गया है। (एपी)

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