Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को बस कुछ ही दिनों में 7 महीने पूरे हो जाएंगे। जंग की शुरुआत से ही यूक्रेन रूस के खिलाफ विदेशी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है, चाहे फिर बात तुर्की के टीबी-2 ड्रोन की हो या फिर अमेरिका के HIMARS मिसाइल सिस्टम की। लेकिन अब रूस ने भी जंग के मैदान में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। एक यूक्रेन कमांडर के अनुसार, युद्ध की शुरुआत से ऐसा पहली बार हो रहा है, जब रूस विदेशी हथियार इस्तेमाल कर रहा है। उसने ईरान में बने ड्रोन से यूक्रेन की सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है। यूक्रेन की 92वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड के आर्टिलरी कमांडर कर्नल रोडियन कुलागिन ने कहा, बीते हफ्ते सुसाइड शहीद-136 डेल्टा-विंग ड्रोन उत्तर-पूर्वी खारकीव क्षेत्र की आर्टिलरी पोजीशन में देखा गया है।
यूक्रेन के कैंप को पहुंचाया नुकसान
इन ड्रोन पर रूस के मुताबिक रंग किया गया है और गेरानियम 2 के तौर पर रिब्रांड किया गया है। ईरान के ये ड्रोन अकसर पेयर में उड़ान भरते हैं और अपने निशाने को तबाह कर देते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि ड्रोन ने अभी तक दो 152 एमएम के स्व-चालित हॉवित्जर, दो 122 एमएम के स्व-चालित हॉवित्जर और दो बीटीआर बख्तरबंद वाहनों को नष्ट किया है। कर्नल कुलागिन ने बताया कि रूस ने बीते महीने अमेरिका के एम777 155 एमएम के टोड हॉवित्जर को निशाना बनाते हुए हथियार की टेस्टिंग की थी। इनका सबसे अधिक इस्तेमाल खारकीव क्षेत्र में हो रहा है, जहां इसी महीने 92वीं ब्रिगेड और यूक्रेनी बलों ने रूसी सेना के ऊपर बड़े पैमाने पर पलटवार किया है और 8500 स्क्वायर किलोमीटर की जमीन को कब्जे में ले लिया है।
ईरान के डेल्टा-विंग डिजाइन का नया मॉडल
कर्नल कुलागिन ने कहा कि रूस की सेना के पास शक्तिशाली तोपों की मारक क्षमता है। लेकिन यहां उनके पास बंदूकें नहीं हैं। इसलिए यहां ड्रोन का सहारा लेना शुरू कर दिया है। खारकीव में ड्रोन के मलबे की हालिया तस्वीरों का विश्लेषण करने वाले कुछ स्वतंत्र विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह शहीद-136 हैं, यह ईरानी ड्रोन के डेल्टा-विंग डिजाइन का नया मॉडल है। स्ट्रैटेजिक कंस्लटिंग कंपनी रेड सिक्स सॉल्यूशंस एलएलसी के संस्थापक स्कॉट क्रीनो का कहना है कि शहीद-136 ड्रोन रूस को HIMARS जैसे उच्च तकनीक वाले हथियारों से "शक्तिशाली निरोध" प्रदान कर सकता है।
टार्गेट लॉक होने के बाद बचना मुश्किल
उन्होंने बताया कि यूक्रेन युद्ध में शहीद-136 की मौजूदगी यूक्रेन को अपनी योजना बदलने के लिए मजबूर कर रही है। यूक्रेन के बड़े युद्धक्षेत्र में शहीद-136 के खिलाफ बचाव करना मुश्किल है। क्रीनो ने कहा कि शहीद-136 को बड़े प्रभाव के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। पहला, रडार सिस्टम को निशाना बनाकर। दूसरा, तोपखाने पर हमला करके। उन्होंने कहा कि ईरान के पास एंटी-जैमिंग सिस्टम भी हैं, जिनका मुकाबला करना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो सकता है। एक बार शहीद ड्रोन ने अपने लक्ष्य को लॉक कर लिया, तो फिर उसे रोक पाना मुश्किल है।
रूस के कमजोर ड्रोन प्रोग्राम का खुलासा
रूस द्वारा यूक्रेन में शहीद-136 ड्रोन के इस्तेमाल किए जाने से पता चलता है कि ईरान ने अपने हथियारों का विस्तार किया है। इससे ये भी पता चलता है कि रूस का खुद का ड्रोन प्रोग्राम यूक्रेन के तैनात किए गए यूएवी का मुकाबला करने के काबिल नहीं है। इजरायल और पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान अपने सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल सऊदी अरब के तेल उद्योग, संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी, सीरिया में अमेरिकी सैनिकों और ओमान की खाड़ी में टैंकरों पर हमला करने के लिए कर रहा है।
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