रूस और यूक्रेन के बीच साल 2022 की फरवरी से युद्ध अबतक जारी है। इस बीच युद्ध रोकने की कई कोशिशें हुईं लेकिन ये युद्ध अनवरत जारी है और कबतक रूकेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। भारत के प्रधानमंत्री पिछले महीने जहां रूस की यात्रा पर थे और पुतिन से मुलाकात की थी तो वहीं अब उन्होंने यूक्रेन की यात्रा की है और राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन और रूस को सलाह दी है कि दोनों देश शांति की राह खोजें, भारत इस दिशा में हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है।
दुनिया के देश तेल खरीदना बंद कर दें तो
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत समेत दुनिया के दूसरे देश रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदना बंद कर दें तो पुतिन के सामने “बड़ी चुनौतियां” उत्पन्न हो जाएंगी। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद प्रतिबंध लगने के बावजूद भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिसकी पश्चिमी देश आलोचना करते रहे हैं। भारत यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले रूस से एक प्रतिशत से भी कम तेल आयात करता था, जो अब बढ़कर भारत के कुल तेल आयात का लगभग 40 प्रतिशत हो गया है।
पुतिन को रूस के तेल पर है घमंड
भारत और रूस के बीच तेल के मामले में महत्वपूर्ण अनुबंधों की ओर इशारा करते हुए जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा, “पुतिन को अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने का डर है, उनके पास तेल के अलावा कुछ नहीं है, उनकी मुख्य मुद्रा तेल ही है और उसी को लेकर उन्हें घमंड है। जेलेंस्की ने कहा कि उनके पास एक तरह की ऊर्जा-आधारित अर्थव्यवस्था है, और वे उसी का निर्यात करते हैं।” उन्होंने कहा कि अगर भारत समेत दुनिया के दूसरे देश रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदना बंद कर दें तो उसके सामने “बड़ी चुनौतियां” उत्पन्न हो जाएंगी।
(इनपुट-पीटीआई भाषा)
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