Russia Ukraine War: यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट गोलाबारी को लेकर यूक्रेन और रूस के एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने के बीच, संयंत्र से संभावित विकिरण रिसाव के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन के अधिकारियों ने शनिवार को आरोप लगाया कि रूसी सेनाओं ने यूरोप के सबसे बड़े जैपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट नीपर नदी के उस पार यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों में मिसाइल और तोप से हमले किए हैं। वहीं रूस का दावा है कि यूक्रेन की ओर से दागे गए गोले उस इमारत पर गिरे हैं, जिसमें परमाणु ईंधन को रखा गया है।
इस बीच, अधिकारियों ने संयंत्र के करीब रहने वाले लोगों के बीच शुक्रवार को आयोडिन की गोलियां बांटीं, ताकि विकिरण होने की स्थिति में बचाव हो सके। सबसे बड़ी चिंता परमाणु संयंत्र के रिएक्टर को ठंडा रखने की कूलिंग प्रणाली को लेकर है, जिसे चालू हालत में रखने के लिए बिजली की जरूरत होती है। अधिकारियों का कहना है कि आग लगने से पारेषण लाइन को हुई क्षति की वजह से संयंत्र को बृहस्पतिवार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। जानकारों का मानना है कि कूलिंग प्रणाली के बंद होने से परमाणु रिएक्टर के अत्यधिक गर्म होने की वजह से हादसा हो सकता है।
रूसी सेना ने छह महीने से किया है कब्जा
रूसी सेना ने इस परमाणु संयंत्र पर छह महीने से जारी युद्ध की शुरुआत में ही कब्जा कर लिया था और यूक्रेन के स्थानीय कर्मियों ने इसका परिचालन जारी रखा। दोनों पक्ष एक दूसरे पर संयंत्र पर गोलाबारी करने का आरोप लगा रहे हैं, जिससे इलाके में तबाही मचने की आशंका पैदा हो गई है। यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा परिचालक एनर्गोटम ने शनिवार को कहा कि रुक-रुक कर हो रही गोलाबारी की वजह से ऊर्जा केंद्र के अवसंरचना को क्षति पहुंची है। कंपनी ने बताया, ‘हाइड्रोजन और रेडियोधर्मी सामग्री के रिसाव होने और आग लगने का खतरा बहुत अधिक है।’
रूस ने निकोपोल और मारहानेट्स पर किए हमले
निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र के गवर्नर वालेंटिन रेजनिचेंको ने नवीनतम संघर्ष की जानकारी देते हुए बताया कि रूसी ग्राड मिसाइल और तोप के गोलों से निकोपोल और मारहानेट्स पर हमले किए गए हैं। यह क्षेत्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट नीपर नदी के उस पार मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित है। हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेंकोव ने दावा किया कि यूक्रेन की सेना ने मारहानेट्स से संयंत्र पर गोलाबारी की है। उन्होंने कहा कि गत एक दिन में यूक्रेन के 17 गोले संयंत्र पर गिरे हैं, जिनमें से चार गोले उस इमारत की छत पर गिरे, जहां पर परमाणु ईंधन रखा गया है। दोनों पक्षों के दावों की तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है।
समझौता करने का प्रयास कर रही यूएन की एजेंसी
संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए)अपने निरीक्षक दल संयंत्र में भेजने के लिए समझौता करने का प्रयास कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण की तैयारी की जा रही है, लेकिन अब तक स्पष्ट नहीं है कि यह कब संभव होगा। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यह जरूरी है कि आईएईए के प्रतिनिधि यथाशीर्घ संयंत्र जाएं और उसे ‘यूक्रेन के स्थायी नियंत्रण’ में रखने में मदद करें। उन्होंने कहा, ‘स्थिति खतरनाक बनी हुई है।’ यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस हथियारों का भंडारण करने और उसपर चारों ओर से हमले करने के लिए संयंत्र का इस्तेमाल ढाल के रूप में कर रहा है, जबकि रूस का आरोप है कि यूक्रेन परमाणु संयंत्र परिसर पर गोलाबारी कर रहा है।
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