Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन के बीच जंग लंबी खिंच गई है। 72वें दिन भी युद्ध जारी रहा है। रूस लगातार हमले कर रहा है और यूक्रेन हमलों का करारा जवाब देने की कोशिश कर रहा हे। मारियुपोल में गुरुवार को खूनी जंग और तेज हो गयी क्योंकि रूस जल्दी ही शहर में मौजूद अंतिम यूक्रेनी मोर्चे को जीतकर देश के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह पर कब्जा करना चाहता है। मारियुपोल में जंग तेज होने की वजह के पीछे संदेह जताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन सोमवार को ‘विक्ट्री डे’ (विजय दिवस) पर युद्ध में बड़ी सफलता या युद्ध को और तेज करने की घोषणा देशवासियों के सामने करना चाहते हैं।
मलबे में बदल चुका है मारियुपोल शहर
सोमवार, नौ मई को मनाया जाने वाला विजय दिवस रूसी कैलेंडर में राष्ट्रभक्ति से जुड़ा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सार्वजनिक अवकाश है। इसी दिन सोवियत संघ ने नाजी जर्मनी पर जीत हासिल की थी। रूस के ताजा अनुमान के मुताबिक, करीब 2,000 यूक्रेनी लड़ाके मारियुपोल के एजोवस्टाल इस्पात संयंत्र के नीचे बनी सुरंगों और बंकरों की सुरक्षा कर रहे हैं और इनकी हार के साथ ही शहर यूक्रेन के हाथ से निकल जाएगा। पिछले दो महीनों में यह शहर लगभग मलबे में तब्दील हो चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि इन सुरंगों और बंकरों में सैकड़ों असैन्य नागरिक भी फंसे हुए हैं।
पलमार इस्पात संयंत्र के अंदर घुसी रूसी सेना
यूक्रेन के एजोव रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर कैप्टन स्वीतोस्लाव पलमार इस्पात संयंत्र के भीतर रूसी सेना का मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन के एक टीवी चैनल को बताया कि रूस की सेना तीसरे दिन संयंत्र के भीतर प्रवेश कर गई है और उसे करारा जवाब दिया जा रहा है। पलमार ने कहा कि भीषण संघर्ष जारी है। वहीं यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के सलाहकार एंटोन गेराश्सेंको ने बताया कि रूसी सैनिक संयंत्र के नक्शे से वाकिफ एक इलेक्ट्रिशियन की मदद से अंदर घुसने में कामयाब रहे। बुधवार देर रात पोस्ट एक वीडियो में गेराश्सेंको ने कहा,‘उसने (इलेक्ट्रिशियन) उन्हें भूमिगत सुरंग दिखाईं जो संयंत्र तक पहुंचती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘धोखेबाज से मिली सूचना की मदद से रूसी सैनिक कल इन सुरंगों में प्रवेश कर गए।’
हालांकि क्रेमलिन (रूस) ने सैनिकों के संयंत्र के भीतर प्रवेश की बात से इंकार किया है। पलमार ने दुनिया से रूस पर दबाव बनाने और संयंत्र से और असैन्य नागरिकों तथा घायल सैनिकों को सुरक्षित बाहर निकलने देने की अनुमति देने की अपील की है।
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