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Hindi News विदेश यूरोप Russia Ukraine War: रूस की वजह से संकट में कैसे फंसे नवजात बच्चे? पांच मिनट भी बन सकते हैं जानलेवा

Russia Ukraine War: रूस की वजह से संकट में कैसे फंसे नवजात बच्चे? पांच मिनट भी बन सकते हैं जानलेवा

Russia Ukraine War: अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि समय से पहले या कुछ जटिलताओं के साथ जन्मे बच्चों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में इस साल करीब दोगुनी है, तनाव और तेजी से बिगड़ते जीवन स्तर के कारण गर्भवती महिलाओं का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

Russia Ukraine War New Born Babies- India TV Hindi Image Source : PIXABAY Russia Ukraine War New Born Babies

Highlights

  • यूक्रेन में नवजात बच्चों को बचाने की कोशिश
  • रूस ने कई अस्पतालों पर हमले किए
  • युद्ध की वजह से संकट में नवजात बच्चों की जिंदगी

Russia Ukraine War: पूर्वी यूक्रेन के पोकरोव्स्क पेरिनेटल अस्पताल के गलियारे में नन्ही वेरोनिका के रोने की आवाज दूर से ही सुनाई दे रही है... समय से पहले जन्मी वेरोनिका का वजन 1.5 किलोग्राम है और उसे सांस लेने में मदद के लिए नाक में नली लगाकर ऑक्सीजन दिया जा रहा है। पीलिया से पीड़ित होने के कारण उसे एक ‘इनक्यूबेटर’ में रखा गया है। डॉ. टेटियाना मायरोशिनचेंको उसकी देखरेख कर रही हैं। उन्होंने वेरोनिका से बड़ी सावधानी से उन नलियों को जोड़ा है, जिसकी मदद से बच्ची की मां का दूध उसे पिलाया जा सके। फरवरी के अंत में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने से पहले, देश के युद्धग्रस्त दोनेत्सक क्षेत्र के सरकारी नियंत्रित क्षेत्रों में तीन अस्पताल में समय से पहले जन्मे बच्चों की देखभाल करने की सुविधाएं थीं। 

इसमें से एक रूसी हवाई हमले में तबाह हो गया, जबकि एक अन्य को युद्ध के कारण बंद करना पड़ा। अब केवल पोकरोव्स्क के अस्पताल में ऐसे बच्चों की देखरेख की व्यवस्था है। अस्पताल की एक मात्र नियोनेटोलॉजिस्ट (नवजात बच्चों के विशेषज्ञ) मायरोशिनचेंको अब अस्पताल में ही रहती हैं। उनका तीन साल का बेटा कुछ दिन अस्पताल में अपनी मां के पास और कुछ दिन घर पर अपने पिता के साथ रहता है। मायरोशिनचेंको के पति एक कोयले की खान में काम करते हैं। चिकित्सक ने बताया कि उनके लिए अस्पताल में रहना इसलिए जरूरी है क्योंकि हवाई हमले की चेतावनी देने वाले ‘सायरन’ बजने के बावजूद ‘इनक्यूबेटर वार्ड’ में बच्चों को जीवन रक्षक मशीनों से हटाया नहीं जा सकता।

बच्ची के लिए पांच मिनट भी नाजुक

उन्होंने कहा, ‘अगर मैं वेरोनिका को आश्रय स्थल ले जाऊंगी तो उसमें पांच मिनट लगेंगे, लेकिन उसके लिए वह पांच मिनट बेहद नाजुक हो सकते हैं।’ अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि समय से पहले या कुछ जटिलताओं के साथ जन्मे बच्चों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में इस साल करीब दोगुनी है, तनाव और तेजी से बिगड़ते जीवन स्तर के कारण गर्भवती महिलाओं का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। रूस और उसके समर्थित अलगाववादियों ने अब आधे से अधिक दोनेत्सक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। पोकरोव्स्क अब भी यूक्रेन सरकार के नियंत्रण में है।

मायरोशिनचेंको ने कहा, ‘इस इमारत के बाहर जो कुछ भी हो रहा है, यकीनन हम उसको लेकर चिंतित हैं लेकिन हम उसके बारे में बात नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता अभी केवल बच्ची का ध्यान रखना है। मुख्य चिकित्सक डॉ. इवान त्स्यगानोक ने कहा, ‘बच्चों का जन्म ऐसा कार्य नहीं है, जिसे रोका जा सके या जिसके समय में बदलाव किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि प्रसूति अस्पताल को पोकरोव्स्क से बाहर कहीं और स्थापित करना संभव नहीं है। पोकरोव्स्क में दो दिन की बेटी की मां इन्ना किस्लीचेंको (23) ने कहा कि अस्पताल से जाने के बाद वह यूक्रेन में पश्चिम की ओर सुरक्षित क्षेत्रों में जाने पर विचार कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं सभी नवजात बच्चों के जीवन को लेकर चिंतित हूं, केवल अपनी बच्ची नहीं... बल्कि यूक्रेन के सभी बच्चों को लेकर, पूरे यूक्रेन को लेकर...।’ संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसियों के अनुसार, युद्ध के कारण यूक्रेन में 1.2 करोड़ से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। इनमें से करीब आधे लोगों ने यूक्रेन में ही कहीं अन्य स्थान पर पनाह ली है, जबकि अन्य यूरोपीय देशों में चले गए हैं।

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