Russia Ukraine WAR day 75: अपने हमले से यूक्रेन को तबाह कर चुका रूस अब तक इस कार्रवाई को सिर्फ एक स्पेशल ऑपरेशन बताता आया है, लेकिन 9 मई को अपनी 'विक्ट्री डे' के मौके पर रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर सकता है। बता दें, हर साल रूस 9 मई को विक्ट्री डे मनाता है। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान इस दिन रूसी सेना ने हिटलर की 'नाजी आर्मी' को हरा दिया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस दिन की अहमियत को देखते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 9 मई को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर सकते हैं।
यूक्रेनी सैनिकों की तैयारी
इस बीच यूक्रेन के सैनिकों ने मारियुपोल के आसपास अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों से मदद मिलना लगातार जारी है। अब यूक्रेन की आर्मी को तुर्की में बने 12 बेयरेकतार टीबी-2 ड्रोन मिले गए हैं। इस ड्रोन को काफी एडवांस माना जाता है। वहीं, रूस की सेना ने मारियुपोल में अपनी जीत को देश के विजय दिवस समारोह से पहले पूरा करने के प्रयास में हमले तेज कर दिए हैं।
महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को अजोवस्ताल से निकाला गया
वहीं मारियुपोल के स्टील प्लांट से सभी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को निकाल लिया गया है। रूस की सेना ने लंबे समय से इस स्टील प्लांट की घेराबंदी की हुई थी। यूक्रेन की उपप्रधानमंत्री इरिना वीरेशचुक ने शनिवार को कहा, 'राष्ट्रपति के आदेश का अनुपालन किया गया। सभी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अजोवस्ताल से निकाल लिया गया है। मारियुपोल मानवीय अभियान का यह हिस्सा पूरा कर लिया गया है।'
बता दें कि मारियुपोल को पूरी तरह से रूसी सैनिकों के कब्जे में जाने से रोकने के लिए यूक्रेनी सैनिकों के साथ आम लोग भी संयंत्र में मौजूद थे। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाने वाले मारियुपोल शहर पर रूस को संपूर्ण रूप से नियंत्रण करने से रोकने के लिए यूक्रेनी सैनिक और लड़ाके अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं।
क्या 'Z' है जीत की निशानी?
जब से युद्ध शुरू हुआ है रूसी सेना का 'Z'सिंबल काफी चर्चा में है। ज्यादातर लोग इसका अर्थ 'जीत' से जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि 2014 में पहली बार रूसी सेना के वाहनों पर 'Z'सिंबल देखा गया था। तब रूस ने यूक्रेन के 'क्रीमिया' इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि इस बार रूसी सेना के वाहनों पर 'Z' निशान 22 फरवरी को नज़र आया। यानी यूक्रेन पर औपचारिक हमले से पहले। उस दिन रूस की सेना यूक्रेन के दोनेस्क इलाके में घुसी थी। Z सिंबल रूस की जनता में भी काफी लोकप्रीय होता जा रहा है। यहां की जनता अपने देश के प्रति समर्थन जताते हुए अपने वाहनों पर यह निशान लिखकर रूस के सार्वजनिक स्थानों पर नज़र आ रहे हैं।
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