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Hindi News विदेश यूरोप Russia-Ukraine News : यूक्रेन पर रूस ने क्यों किया हमला, क्या चाहते हैं राष्ट्रपति पुतिन ? जानें पूरी खबर

Russia-Ukraine News : यूक्रेन पर रूस ने क्यों किया हमला, क्या चाहते हैं राष्ट्रपति पुतिन ? जानें पूरी खबर

पुतिन ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन की तरफ से जो खतरा पैदा किया जा रहा है उसके जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है।  

 Vladimir Putin, President, Russia- India TV Hindi Image Source : AP/PTI  Vladimir Putin, President, Russia

Highlights

  • यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से रूस को खतरा
  • USSR से अलग हुए देशों में रूस के प्रभाव को कायम रखने की कोशिश

नयी दिल्ली: पिछले कुछ महीने से यूक्रेन पर हमले की योजना से इनकार कर रहे रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार आज रूसी सेना को यूक्रेन के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन की हरी झंडी दे दी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि इसका मकसद नागरिकों की रक्षा करना है। पुतिन ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन की तरफ से जो खतरा पैदा किया जा रहा है उसके जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है।

यूक्रेन से गहरे सांस्कृतिक संबंध

अब सवाल उठता है कि आखिर कौन सी ऐसी परिस्थितियां थी जिसके चलते रूस ने यूक्रेन पर हमला किया। दरअसल, वर्ष 2014 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया उस वक्त रूस समर्थक विद्रोहियों ने यूक्रेन के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया था। रूस समर्थक इन विद्रोहियों की यूक्रेन की सेना से लगातार झड़प होती रही। हालांकि यूक्रेन के साथ रूस के गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। रूसी भाषा वहां बड़ी संख्या में लोग बोलते हैं।

नाटो में शामिल होना चाहता है यूक्रेन

रूस को यूक्रेन से सबसे ज्यादा परेशानी तब शुरू हुई जब यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की कोशिश शुरू की। रूस ने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की हर कोशिश का विरोध किया। पुतिन ने साफ तौर पर कहा कि यूक्रेन पश्चिम के देशों की कठपुतली है। पुतिन चाहते थे कि यूक्रेन इस बात की गारंटी दे कि वह नाटो में नहीं शामिल होगा और सैन्य क्षमताएं घटाएगा और एक न्यूट्रल स्टेट के तौर पर कायम रहेगा। लेकिन यूक्रेन इसके लिए तैयार नहीं था। 

यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से रूस को खतरा

90 के दशक में शीत युद्ध खत्म होने के बाद एक मात्र सुपर पावर अमेरिका रह गया और इसी क्रम में नाटो का विस्तार पूर्व की तरफ हुआ और इसमें वे भी देश शामिल हुए जो पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे। रूस ने इसे अपने लिए खतरा माना। पुतिन के मुताबिक नाटो रूस पर मिसाइल के हमले के लिए यूक्रेन का लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। 

रूस के प्रभाव को फिर से कायम रखने की कोशिश

पुतिन सोवियत संघ से अलग हुए देशों में रूस के प्रभाव को फिर से कायम रखने की कोशिश में हैं। इससे पहले पुतिन भी सोवियत संघ के विघटन को पिछली सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कह चुके हैं।  पुतिन के मुताबिक रूस और यूक्रेन एक ही इतिहास और आध्यात्मिक विरासत साझा करते हैं। 

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