रूस और यूक्रेन के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में दोनों देशों के सामने सिर्फ एक चुनौती है- युद्ध खत्म हो। लेकिन अभी ये राह इतनी आसान नज़र नहीं आ रही है। रूस लगातार यूक्रेन की राजधानी कीव में एंट्री करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ, यूक्रेन की सेना भी उसे रोकने का प्रयास कर रही है। इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस युद्ध के नतीजे क्या होंगे?
रि. मेजर जनरल एस.पी सिन्हा (विशिष्ट सेवा मेडल) बताते हैं, 'मुझे पूरी उम्मीद है कि ये आने वाले 6-7 दिन में खत्म हो सकता है। भले ही ये कितनी भी बड़ा हो जाए, लेकिन ये न्यूक्लियर वॉर नहीं होगा। हमें लगता है कि जब जेलेंस्की मरेंगे नहीं या गिरफ्तार नहीं होंगे तब तक वॉर चलता रहेगा। रूस एक तरह से ये मैसेज देना चाहता है कि वह यूक्रेन में किसी अमेरिकी शक्ति को पनपने नहीं देगा और अगर अमेरिका ने इस युद्ध में दखल नहीं दिया तो वह अपने मिशन में कामयाब भी हो जाएगा।'
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स-
एस.पी सिन्हा आगे कहते हैं, 'इस युद्ध का नतीजा होगा कि रूस पूरे यूरोपीय देशों में एक किंग की तरफ उभरकर सामने आएगा। अभी भी रूस यूरोपीय देशों के लिए 50 प्रतिशत गैस सप्लाई करता है। इस युद्ध का सीधा सा नतीजा तो ये भी होगा कि वर्ल्ड ऑर्डर पूरी तरह बदल जाएगा। अभी तक दुनिया के सभी देश रूस के इर्द-गिर्द घूमते थे वो अब रूस की तरफ रुख करना शुरू कर देंगे। इसलिए इस युद्ध के नतीजे रूस के पक्ष में ही जाएंगे और आगे से कोई देश अमेरिका के दिलासे में भी नहीं आएगा।'
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