रूस और यूक्रेन के बीच तनाव खत्म होने के आसार नज़र आ रहे हैं। NATO में शामिल होने से शुरू हुए दोनों देशों के बीच विवाद अब कमज़ोर पड़ता नज़र आ रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि वह अभी NATO में शामिल होने पर ज़ोर नहीं दे रहे हैं। ABC न्यूज़ के साथ इंटरव्यू में जेलेंस्की ने साफ कहा, 'मैंने ये समझने के बाद बहुत पहले ही प्रयास छोड़ दिया था। क्योंकि मुझे लगता है कि NATO अभी यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।'
जेलेंस्की ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'यूक्रेन ऐसा देश बिल्कुल नहीं बनना चाहता है जो अपने घुटनों पर गिरकर कुछ मांगे और न ही मैं ऐसा राष्ट्रपति बनना पसंद करूंगा।' दूसरी तरफ, जेलेंस्की ने ब्रिटेन के सांसदों से रूस को ‘‘आतंकवादी राष्ट्र’’ घोषित करने का अनुरोध किया और मॉस्को पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया ताकि ‘‘यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारा देश सुरक्षित रहे।’’
जेलेंस्की का जवाब- उन्होंने यह अनुरोध ऐसे वक्त किया है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनके देश के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान छेड़ रखा है। मंगलवार को वीडियो लिंक के जरिए ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में ‘‘ऐतिहासिक’’ भाषण देने वाले जेलेंस्की (44) को संसद के सदस्यों ने खड़े होकर सम्मान दिया। जेलेंस्की ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम आपसे, पश्चिमी देशों से मदद की आस लगा रहे हैं। हम इस मदद के लिए आभारी हैं और मैं आपका आभारी हूं, बोरिस।’’
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘कृपया इस देश (रूस) के खिलाफ प्रतिबंधों का दबाव बढ़ाए और कृपया इस देश को आतंकवादी देश के तौर पर मान्यता दें। कृपया यह सुनिश्चित कीजिए कि हमारा यूक्रेनी आसमान सुरक्षित रहे। कृपया यह सुनिश्चित करें कि आप वह सब करें जो करने की जरूरत है।’’ जेलेंस्की ने भावुक भाषण देते हुए ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के उन शब्दों को दोहराया जिसमें हवाई क्षेत्र, समुद्र और सड़कों पर रूसी सैनिकों से लड़ने का वादा किया गया था। यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में रूस द्वारा हमले के एक-एक दिन का ब्योरा दिया।
उन्होंने यह कहते हुए अपना भाषण समाप्त किया, ‘‘वह करिए जो आप कर सकते हैं, वह करिए जो आपको करना चाहिए क्योंकि महानता ही महानता को जोड़ती है, आपके देश और आपके लोगों को एक साथ लाती है।’’ यह पहली बार है जब किसी विदेशी नेता ने हाउस ऑफ कॉमंस में सांसदों को सीधे संबोधित किया है।
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