हेग: संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने बुधवार को रूस को आदेश दिया कि वह यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को रोक दे। हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि रूस शायद ही इस फैसले को मानेगा। यूक्रेन ने 2 हफ्ते पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए दलील दी थी कि रूस ने नरसंहार रोकने संबंधी 1948 की एक संधि का उल्लंघन करते हुए यूक्रेन पर नरसंहार करने का झूठा आरोप लगाया और इसे मौजूदा आक्रमण के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया।
‘अपने विशेष सैन्य अभियानों को तुरंत रोके रूस’
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अमेरिकी जज जोन ई. डोनोग्यू ने कहा है कि ‘रूस 24 फरवरी को शुरू किए गए विशेष सैन्य अभियानों को तुरंत रोके।’ हालांकि अब देखना है कि रूस अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की बात को मानकर यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को रोकता है या नहीं। इस बीच रूस के सैन्य बलों के यूक्रेन के राजधानी क्षेत्र और अन्य प्रमुख शहरों में जारी हमलों के बीच दोनों देश बुधवार को अगले दौर की प्रस्तावित वार्ता के लिए आशान्वित नजर आए।
यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार उपलब्ध कराने का आह्वान
पोलैंड, चेक गणराज्य और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री यूक्रेन के लिए समर्थन दिखाने के लिए कीव का दौरा करने के बाद बुधवार को सुरक्षित रूप से मध्य यूरोप लौट आए। चेक प्रधानमंत्री पेट्र फियाला ने कई देशों से यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार उपलब्ध कराने का आह्वान किया ताकि देश रूस की सेना से लड़ना जारी रख सके जो राजधानी कीव और अन्य शहरों पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रही हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, हमने जीत हासिल की है
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि आईसीजे में रूस के खिलाफ अपने मामले में यूक्रेन ने जीत हासिल की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'आईसीजे ने हमले को तुरंत रोकने का आदेश दिया है। यह आदेश अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी है। रूस को तुरंत इसका अनुपालन करना चाहिए। कोर्ट के आदेश की अवहेलना रूस को और भी अलग-थलग कर देगी।'
‘यूक्रेनी भी हमारी आजादी के लिए लड़ रहे हैं’ फियाला ने प्राग वापस आने के बाद कहा, ‘हमें यह महसूस करना होगा कि (यूक्रेनी) भी हमारी आजादी के लिए लड़ रहे हैं और हमें उनका समर्थन करना होगा। यही कारण है कि हमने वहां की यात्रा की, ताकि उन्हें बताया जा सके कि वे अकेले नहीं हैं।’ फियाला, पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविएकी और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री जेनेज जानसा ने मंगलवार को कीव की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। चेक गणराज्य, पोलैंड और स्लोवेनिया यूरोपीय संघ और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) दोनों के सदस्य हैं।
‘यूक्रेन के साथ हमारी एकजुटता पूर्ण है’
NATO महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि पश्चिमी सहयोगियों के लिए जेलेंस्की के साथ निकटता से जुड़े रहना अच्छा है, लेकिन उन्होंने कीव की यात्रा का स्पष्ट रूप से समर्थन नहीं किया। यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता एरिक मैमर ने कहा, ‘यूक्रेन के साथ हमारी एकजुटता पूर्ण है। इसे कई मौकों पर दोहराया गया है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अत्यंत मजबूत है। और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि इस एकजुटता को यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा बहुत अच्छी तरह से समझा जाता है।’
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