मॉस्को: रूसी संसद के ऊपरी सदन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश के बाहर सैन्य बल प्रयोग की अनुमति दे दी है। संसद की मंजूरी के बाद रूस के लिये यूक्रेन पर व्यापक आक्रमण का रास्ता साफ हो गया है। पुतिन ने इस संबंध में संसद के ऊपरी सदन को एक पत्र लिखा था। पुतिन ने एक दिन पहले यूक्रेन के विद्रोहियों वाले इलाकों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इससे पहले, पश्चिमी देशों के नेताओं ने कहा था कि रूस के सैनिक यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में पहुंच गए हैं। इस बीच रूस ने यूक्रेन से अपने राजनयिकों को निकालना भी शुरू कर दिया है।
क्रीमिया को रूस का हिस्सा माने दुनिया: पुतिन
इस बीच पुतिन ने क्रीमिया को रूस के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने, NATO की सदस्यता लेने की यूक्रेन की कोशिश को रोकने और वहां हथियारों की खेप भेजे जाने पर रोक लगाने का मंगलवार को आह्वान किया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर 2014 में रूस के कब्जे को स्थानीय लोगों की इच्छा के वैध प्रतिबिंब के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जानी चाहिए और इसकी तुलना कोसोवो स्वतंत्रता के लिए किए गए वोट से की जानी चाहिए। पश्चिमी देश क्रीमिया पर कब्जे की व्यापक स्तर पर आलोचना करते रहे हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते रहे हैं।
‘रूस पर कड़ी पाबंदियां लगाएगा अमेरिका’
राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा है कि इस कदम के परिणामस्वरूप अमेरिका रूस पर कड़ी पाबंदियां लगाएगा। प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह आक्रमण की शुरुआत है। यूक्रेन पर रूस से नए आक्रमण की शुरुआत।’ अमेरिका के एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा कि व्हाइट हाउस ने जमीनी स्थिति को देखते हुए रूस की कार्रवाई को 'आक्रमण' कहना शुरू किया है। वहीं, रूस का कहना था कि वह पूर्वी यूक्रेन में ‘शांतिरक्षकों’ को भेज रहा है, लेकिन यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन है।
‘अभी यूक्रेन पर पूरी तरह आक्रमण नहीं’
इससे पहले पश्चिमी देशों के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों को मान्यता देने के बाद रूसी सैनिक उनके (विद्रोहियों के) कब्जे वाले इलाकों में प्रवेश कर गये। हालांकि, कुछ देशों ने यह संकेत दिया है कि क्षेत्र में भ्रम की स्थिति होने को लेकर यह किसी तरह का पूर्ण आक्रमण नहीं है, जिस बारे में लंबे समय से अंदेशा जताया जा रहा। हफ्तों से, पश्चिमी देश यूक्रेन पर रूसी आक्रमण होने का अंदेशा जता रहे हैं। रूस ने यू्क्रेन की सीमा के तीन ओर करीब डेढ़ लाख सैनिक जमा कर रखे हैं।
‘रूस ने 2 क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी’
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा है कि रूस ने पूर्व यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस कदम ने क्षेत्रों पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के अपनी पकड़ को औपचारिक रूप देने तथा सैनिक भेजने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था, और कुछ ही देर बाद रूसी संसद के ऊपरी सदन ने भी पुतिन को देश के बाहर सैन्य बल प्रयोग की अनुमति दे दी। रूस ने यह कहते हुए यूक्रेन से अपने राजनयिकों को निकालना भी शुरू कर दिया है कि उन्हें धमकी दी गई है।
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