कीव: यूक्रेन के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि देश में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र में रूसी गोलाबारी से लगी आग पर काबू पा लिया गया है और इस संयंत्र पर रूसी बलों ने कब्जा कर लिया है। यूक्रेन के सरकारी परमाणु नियामक ने कहा कि एनेर्होदार शहर में स्थित ज़पोरिशिया संयंत्र में विकिरण के स्तर मे अब तक कोई बदलाव नहीं आया है। संयंत्र के कर्मचारी इसका निरीक्षण कर रिएक्टर संख्या-1 के कंपार्टमेंट को हुए नुकसान का पता लगा रहे हैं।
‘संयत्र पर गोलीबारी के कोई संकेत नहीं’
नियामक ने फेसबुक पर एक बयान में परमाणु ईंधन को ठंडा करने की क्षमता को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह के नुकसान से 1986 की चेर्नोबिल दुर्घटना या 2011 में जापान के फुकुशिमा हादसे से भी बदतर दुर्घटना हो सकती है। नियामक ने यह भी कहा कि संयंत्र में इस्तेमाल किये जा चुके परमाणु ईंधन के भंडारण की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि संयंत्र पर गोलाबारी हुई।
जेलेंस्की और बायडेन के बीच हुई बात
इस घटना के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन और दूसरे देशों के नेताओं से फोन पर बात हुई है। अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने ऐहतियात के तौर पर अपनी परमाणु घटना प्रतिक्रिया टीम को सतर्क रहने के लिये कहा है। इससे पहले, परमाणु संयंत्र के प्रवक्ता एंड्री तुज़ ने यूक्रेनी टेलीविजन को बताया कि गोले सीधे संयंत्र पर गिरे और इसके 6 रिएक्टरों में से एक में आग लग गई। उन्होंने कहा कि रिएक्टर का नवीकरण चल रहा है और यह काम नहीं कर रहा।
‘लोगों की जान और स्वास्थ्य को खतरा नहीं’
ज़पोरिशिया के क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन ने कहा कि शुक्रवार सुबह 7 बजे किये गए संयंत्र के निरीक्षण के दौरान पता चला है कि क्षेत्र में विकिरण के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है और इससे लोगों की जान और स्वास्थ्य को खतरा नहीं है। एनेर्होदार के मेयर दिमित्रो ओरलोव ने शुक्रवार सुबह टेलीग्राम चैनल पर कहा, 'संयंत्र में लगी आग को बुझा लिया गया है।' इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूस के हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
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