वारसा: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप की सबसे बड़ी जमीनी जंग में शनिवार को रूस की हमलावर सेना के राजधानी कीव की तरफ आगे बढ़ने से हजारों की संख्या में यूक्रेन के लोग भागकर सीमा पर पहुंचे थे। रात के अंधेरे में कुछ लोग पैदल चलकर कई मील की दूरी तय की, तो कुछ लोग ट्रेन, कार या बस से पहुंचकर सीमा पर लगी मीलों लंबी कतार का हिस्सा बने। इस दौरान सीमा पर सरकार द्वारा संचालित स्वागत केंद्रों पर प्रतीक्षारत रिश्तेदार और दोस्त किसी अपने के आने पर उनका स्वागत करते दिखे।
रूस के खिलाफ दुनियाभर में आक्रोश
यूक्रेन पर बिना उकसावे के किए गए रूस के हमले के खिलाफ दुनियाभर में आक्रोश है। फिलहाल यूक्रेन से पलायन करने वाले लोगों को भरपूर समर्थन मिल रहा है। पोलैंड जैसे कई देश यूक्रेन के शरणार्थियों का बिना शर्त स्वागत कर रहे हैं, लेकिन पिछले कई सालों से ये देश संघर्ष और गरीबी के कारण मध्य पूर्व और अफ्रीका से आये शरणार्थियों को स्वीकार करने से मना करते आये हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने शनिवार को कहा कि करीब 1.2 लाख यूक्रेन के नागरिक अब तक पोलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं।
‘मैं आहत हूं, घर जाना चाहती हूं’ पश्चिमी यूक्रेन के चेर्नित्सि के एक
परिवार ने सीमा पार करके उत्तरी रोमानिया के साइरेट में पहुंचने से पहले 20 घंटों तक इंतजार किया। 14 साल की नतालिया मुरिनिक ने रोते हुए दादा-दादी को अलविदा कहने का वर्णन किया, क्योंकि वे देश नहीं छोड़ सकते थे। उसने कहा, ‘मैं वाकई आहत हूं, मैं घर जाना चाहती हूं।’ सबसे अधिक संख्या में यूक्रेन के लोग पोलैंड पहुंच रहे थे। पोलैंड में बीते कुछ सालों के दौरान काम करने के लिए आए 20 लाख यूक्रेन निवासी पहले ही वहां बस चुके हैं, जो वर्ष 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा करने के लिए रूस के पहले प्रयास के दौरान देश से बाहर चले गए थे।
15 किलोमीटर तक गाड़ियों की लाइन पोलैंड की सरकार ने शनिवार को कहा कि पिछले 48 घंटों में 1,00,000 से अधिक यूक्रेन के निवासी पोलिश-यूक्रेन सीमा पार कर चुके हैं। मेड्यका सीमा पार पर पोलैंड में प्रवेश करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे वाहनों की लाइन यूक्रेन में 15 किलोमीटर तक लंबी थी। पोलैंड ने अपनी सीमा को यूक्रेन से पलायन करने वालों के लिए खुला घोषित कर दिया है। पोलैंड बिना आधिकारिक दस्तावेज और कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट देखे बिना यूक्रेन के लोगों को अपने देश में आने दे रहा है।
‘हम सभी लोगों की मदद करेंगे’ पोलिश बॉर्डर एजेंसी ने कहा, ‘हम सभी की मदद करेंगे, हम किसी को भी बिना मदद के नहीं छोड़ेंगे।’ शनिवार को पोलैंड ने पश्चिमी यूक्रेन के मोस्तिस्का में युद्ध में घायल हुए लोगों को लेने और उन्हें इलाज के लिए पोलिश राजधानी वारसा लाने के लिए एक अस्पताल ट्रेन भेजी थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने गुरुवार को 18 से 60 साल के पुरुषों के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के बाद पोलैंड पहुंचने वालों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे। यूक्रेन के कुछ लोग कथित तौर पर रूसी सेना के खिलाफ हथियार उठाने के लिए पोलैंड से यूक्रेन वापस जा रहे थे।
‘आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है’ शनिवार सुबह शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने कहा, ‘करीब 1,16,000 लोग अभी तक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर चुके हैं। यह आंकड़ा बढ़ सकता है, यह हर मिनट बदल रहा है।’ मंटू ने कहा कि अधिकांश यूक्रेन निवासी पड़ोसी देश पोलैंड, मॉल्दोवा, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया की ओर जा रहे थे, लेकिन कुछ बेलारूस में भी गये। एजेंसी को उम्मीद है कि अगर स्थिति और बिगड़ती है तो यूक्रेन के 40 लाख लोग पलायन कर सकते हैं।
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