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Russia Ukraine News: मलबे के ढेर में बदला चर्नीहीव शहर, लगातार हो रही है गोलाबारी

रूसी बलों की घेराबंदी और लगातार बमबारी के शिकार उत्तरी शहर चर्नीहीव को उदार मठों के लिए जाना जाता है जहां पर अब पानी गर्म करने या आपूर्ति करने के लिए बिजली नहीं है।

Chernihiv, Chernihiv Russia, Chernihiv Russia Ukraine, Kharkiv- India TV Hindi Image Source : AP Flames and smoke rise from a fire following a Russian attack in Kharkiv, Ukraine, Friday, March 25, 2022.

Highlights

  • चर्नीहीव में लोग थोड़े से भोजन की खोज में बम और गोलों के धमाकों के बीच बाहर आने का खतरा उठा रहे हैं।
  • शहर में हर धमाके के साथ सड़क पर ऐसी ही पड़ी लाशें दिख रही है और यहां भी लोग विनाश को देख रहे हैं।
  • चर्नीहीव और आसपास के इलाकों से पोलैंड पहुंचे शरणार्थियों ने तबाही और भयावह स्थिति की जानकारी दी।

ल्वीव: रूस की घेराबंदी का शिकार यूक्रेन का चर्नीहीव शहर मलबे के ढेर में बदल गया है और दिन में यहां रह रहे लोग पीने के लिए पानी को तरस रहे हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि लोग थोड़े से भोजन की खोज में बम और गोलों के धमाकों के बीच बाहर आने का खतरा उठा रहे हैं। कुछ इस तरह से यूक्रेन के उत्तरी भाग में स्थित चर्नीहीव के दिन गुजर रहे हैं और हर तरफ मौत का मातम है। यूक्रेन पर रूसी हमले के 31 दिन हो गए हैं और यह शहर भी बंदरगाह शहर मारियुपोल का पर्यावाची बनता नजर आ रहा है।

रूसी सैनिकों ने चर्नीहीव की घेराबंदी की
मारियुपोल की तरह ही रूसी सैनिकों ने चर्नीहीव की घेराबंदी की है। यहां बचे लोग भयभीत हैं, हर धमाके के साथ सड़क पर ऐसी ही पड़ी लाशे दिख रही है और यहां भी लोग विनाश को देख रहे हैं। चर्नीहीव निवासी और भाषावेत्ता इहार काजमेरचक ने बताया, ‘रात को बंकर में सभी एक ही बात करते हैं कि क्या चर्नीहीव भी अगला मारियुपोल बनने जा रहा है।’ उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से फोन पर बात करते हुए यह टिप्पणी इस शहर से करीब 845 किलोमीटर दक्षिण बंदरगाह शहर का संदर्भ देते हुए की जो यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से भयावह स्थिति का सामना कर रहा है।

Image Source : APAn overview of burning oil storage tanks and an industrial area in Chernihiv, Ukraine during the Russian invasion.

‘खाने का सामान खत्म हो रहा है’
रूसी बलों की घेराबंदी और लगातार बमबारी के शिकार उत्तरी शहर चर्नीहीव को उदार मठों के लिए जाना जाता है जहां पर अब पानी गर्म करने या आपूर्ति करने के लिए बिजली नहीं है। अब शहर में जरूरी दवाएं भी नहीं है और इसकी किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है। काजमेरचक ने बताया कि वह अपने दिन की शुरुआत पानी के लिए कतार में खड़े होने से करते हैं और यहां प्रति व्यक्ति 10 लीटर पानी दिया जा रहा है। जब ट्रक से पानी की आपूर्ति की जाती है लोग अपने बर्तन लेकर घरों से निकलते हैं। उन्होंने बताया, ‘खाने का सामान खत्म हो रहा है और बमबारी नहीं रूक रही है।’

‘सिटी सेंटर में कम से कम 2 स्कूल तबाह’
काजमेचक का यह भय गलत भी नहीं है। रूसी बमों ने बुधवार को राजधानी कीव से जोड़ने वाले रास्ते में डेसना नदी पर बने पुल को ध्वस्त कर दिया। शुक्रवार को इस पर तोपों से किए गए हमले में यह पैदल चलने लायक भी नहीं रह गया है, जिससे खाद्य और चिकित्सा आपूर्ति का आखिरी रास्ता भी बंद हो गया है। चर्नीहीव और आसपास के इलाकों से भाग कर इस हफ्ते पोलैंड पहुंचे शरणार्थियों ने वहां की तबाही और भयावह स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिटी सेंटर में कम से कम 2 स्कूल तबाह हो गए हैं और हमले में स्टेडियम, संग्रहालय, किंडरगार्टन और कई घरों को निशाना बनाया गया है।

Image Source : APA child walks with a toy in a refugee center in Nadarzyn, near Warsaw, Poland, on Friday, March 25, 2022.

‘लोगों के पैर और हाथ के चिथड़े पड़े थे’
शरणार्थियों ने बताया कि शहर में जरूरी सामान खत्म हो गया है और लोग पीने के लिए डेसना नदी से पानी ले रहे हैं और खाने के लिए कतार में खड़े होने के दौरान हो रहे हमलों में लोगों की जान जा रही है। वोलोदिमिर फेडरोविच (77) ने बताया कि वह खाना के लिए कतार में खड़े होने के दौरान बाल-बाल बचे क्योंकि जहां बम गिरा, उस स्थान से कुछ पल पहले ही हटे थे। उन्होंने बताया कि इस घटना में 16 लोगों की मौत हुई, कई घायल हुए और आसपास लोगों के पैर और हाथ के चिथड़े पड़े थे।

कीव पर अब तक कब्जा नहीं कर पाया रूस
यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई अब दूसरे महीने में प्रवेश कर गई है और लगता है कि रूसी सेना ने कई मोर्चो पर कार्रवाई रोक दी है और यहां तक पूर्व में जीते इलाके भी यूक्रेन के जवाबी कार्रवाई के कारण हाथ से जा रहे हैं जिनमें राजधानी कीव के आसपास के इलाके शामिल हैं। रूस ने कीव पर हवाई हमला किया लेकिन अबतक शहर पर न तो कब्जा किया है न ही घेराबंदी की है। अमेरिकी और फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि लगता है कि रूसी सैनिकों ने कीव के बाहर रक्षात्मक नीति अपनाई है।

Image Source : APA man recovers items from a burning shop following a Russian attack in Kharkiv, Ukraine, Friday, March 25, 2022.

‘हमें रूस के बयान पर कोई भरोसा नहीं है’
लेकिन रूस द्वारा उत्तर में चर्नीहीव और खारकीव से लेकर दक्षिण में मारियुपोल में शहरी आबादी की घेराबंदी और हमले जारी रखने के मद्देनजर यूक्रेन के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि वे रूस द्वारा शुक्रवार को दिए बयान पर भरोसा नहीं करते जिसमें संकेत दिया गया था कि क्रेमलिन की योजना डोनबास इलाके में स्थिति मजबूत करने की है। डोनबास यूक्रेन के पूर्वी इलाके को कहा जाता है जहां पर अधिकतर आबादी रूसी भाषी है और यहां पर रूस समर्थित अलगाववादी वर्ष 2014 से ही लड़ रहे हैं। इस इलाके की अधिकतर आबादी रूस से करीबी रिश्ते चाहती है।

‘पुतिन जंग से निकलने की रणनीति पर सोच रहे’
यूक्रेन के रक्षामंत्री मार्कियन लुबकीवस्की ने बीबीसी से कहा, ‘हम मॉस्को के बयान पर भरोसा नहीं करेंगे क्योंकि अब भी उनकी ओर से बहुत ही असत्य और झूठी बातें की जा रही हैं। हमारा मानना है पुतिन का लक्ष्य पूरा यूक्रेन है।’ पोलैंड के उप विदेश मंत्री मार्सिन प्रेज़ीडाज़्ज़ ने उम्मीद जताई कि पुतिन ‘कुछ सम्मानजनक तरीके से इस युद्ध से निकलने की रणनीति’ पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर रूस ने अपना लक्ष्य हासिल नहीं किया है।उसने कीव पर कब्जा नहीं किया है। इससे यूक्रेन की सरकार नहीं बदली। यह इसलिए हुआ क्योंकि यूक्रेन की सेना बेहतर कर रही है।’

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