लंदन: ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बाहर करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा कि यूके सरकार यूक्रेन पर हमले के बाद यूएनएससी के 5 स्थायी सदस्यों में से एक के रूप में रूस को बेदखल करने के लिए तैयार है। यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है, और चंद देशों को छोड़कर कोई भी उसका साथ देने को तैयार नहीं है।
क्या वापस ली जा सकती है UN की स्थायी सदस्यता?
ब्रिटेन ने भले ही कहा है कि रूस से यूएनएससी की स्थायी सदस्यता वापस लेने का विकल्प भी खुला है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य को हटाने के लिए किसी भी तरीके का जिक्र नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में 'स्थायी' शब्द का मतलब ही यही है कि ये सदस्य हमेशा सुरक्षा परिषद का हिस्सा रहेंगे। हालांकि संयुक्त राष्ट्र से किसी देश को जरूर निकाला जा सकता है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों, अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम को 'Permanent Five', 'Big Five' और 'P5' के नाम से भी जाना जाता है।
क्या होती हैं UNSC के स्थायी सदस्यों की शक्तियां?
अन्तरराष्ट्रीय कानून द्वारा केवल सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों को ही वीटो की शक्ति दी गई है। इस शक्ति का इस्तेमाल कर कोई एक सदस्य भी सुरक्षा परिषद के बहुमत द्वारा स्वीकृत किसी भी प्रस्ताव को पारित होने से रोक सकता है। 'वीटो' किसी व्यक्ति, पार्टी या राष्ट्र को मिला यह अधिकार कि वह किसी कानून को अकेले रोक सकता है। वीटो किसी भी फैसले को रोकने का असीमित अधिकार देता है, उसे लागू कराने का नहीं। वीटो, लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है, 'मैं मना करता हूं।'
रूस ने क्लस्टर हथियारों के इस्तेमाल से इनकार किया
रूस ने इससे इनकार किया कि उसकी सेना ने यूक्रेन में क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया और कहा कि रूसी सेना ने केवल सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि ‘रूसी सैनिकों ने नागरिक बुनियादी ढांचे और रिहायशी क्षेत्रों में हमला नहीं किया है।’ हालांकि, पेसकोव का दावा उन तथ्यों के उलट है जिसमें यूक्रेन की असैन्य इमारतों, स्कूलों और अस्पतालों पर अंधाधुंध गोलाबारी के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। पेसकोव ने उन आरोपों को भी ‘मनगढ़ंत’ बताते हुए खारिज कर दिया कि रूसी सेना ने क्लस्टर हथियारों और विनाशकारी वैक्यूम हथियारों का इस्तेमाल किया।
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