रूस से जंग के 22 महीने बीत जाने के बाद यूक्रेन को यूरोपीय और नाटो देशों से मदद मिलना 90 फीसदी तक कम हो गई है। वहीं दूसरी तरफ इस बीच रूस आक्रामक हो गया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन को बड़ी चेतावनी दे डाली है। पुतिन के इस ऐलान से दुनिया हैरान है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस का लक्ष्य हासिल नहीं होने तक यूक्रेन में शांति नहीं आने वाली है। अब रूस का यूक्रेन में असली टारगेट क्या है, आइए आपको बताते हैं।
पुतिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन को लेकर उनके देश के लक्ष्यों में कोई बदलाव नहीं आया है और इनके हासिल होने तक शांति कायम नहीं होगी। उन्होंने वर्ष के अंत में होने वाले संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को लेकर रूस के लक्ष्यों में “नाजीवाद का खात्मा”, “असैन्यकरण” और देश की तटस्थ स्थिति स्थापित करना शामिल है और इनमें कोई बदलाव नहीं आया है। पुतिन ने फरवरी 2022 में जब सैनिकों को यूक्रेन भेजा था तब भी उन्होंने इन लक्ष्यों को रेखांकित किया था। रूस का आरोप है कि यूक्रेन सरकार पर कट्टर राष्ट्रवादी और नव-नाजीवादी समूहों का प्रभाव है, जिसे खत्म करने को वह “नाजीवाद का खात्मा” बताता है। हालांकि, यूक्रेन और पश्चिमी देश रूस के इस दावे को खारिज करते रहे हैं।
पुतिन ने कही ये बात
पुतिन ने यूक्रेन को फिर से बड़ी चेतावनी दी है। रूसी राष्ट्रपति का कहना है कि यूक्रेन को तटस्थ रहना चाहिए और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल नहीं होना चाहिए। पुतिन ने कहा, “जब हम ये लक्ष्य हासिल कर लेंगे, तब शांति कायम हो जाएगी।” उन्होंने बताया कि फिलहाल लगभग 2,44,000 रूसी सैनिक यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस को एक बार फिर पूर्व सैनिकों को लामबंद करने की जरूरत नहीं है और सेना में हर दिन 1,500 पुरुष भर्ती किए गए हैं। पुतिन ने कहा कि बुधवार शाम तक कुल 4,86,000 सैनिक रूसी सेना के साथ अनुबंध कर चुके हैं। (एपी)
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