मॉस्को/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में ‘हस्तक्षेप के एक अन्य शर्मनाक प्रयास’ के लिए रूस ने अमेरिका की निंदा की है। रूस ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान वॉशिंगटन का ‘आज्ञाकारी नहीं’ होने की कीमत चुका रहे हैं और उन्हें इस वर्ष फरवरी माह में रूस आने के लिए सजा दी जा रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से 24 फरवरी को मुलाकात की थी। बता दें कि इसी दिन रूस ने यूक्रेन के खिलाफ ‘विशेष सैन्य अभियान’ की घोषणा की थी।
‘पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की कोशिश कर रहा है अमेरिका’
रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोव ने सोमवार को कहा कि मॉस्को की यात्रा रद्द करने के अमेरिकी दबाव के बावजूद खान ने यात्रा की थी। जखारोव ने कहा, ‘इस वर्ष 23-24 फरवरी को इमरान खान की मॉस्को की यात्रा की घोषणा के तुरंत बाद अमेरिकियों और उनके पश्चिमी सहयोगियों ने प्रधानमंत्री पर कड़े दबाव डालने शुरू कर दिए और यात्रा रद्द करने को कहा।’ विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब खान ने आरोप लगाए हैं कि अमेरिका इस्लामाबाद में सत्ता परिवर्तन का प्रयास कर रहा है।
‘अमेरिका ने इमरान को सजा देने का फैसला किया है’
जखारोव ने कहा, ‘अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए एक स्वतंत्र देश के आंतरिक मामले में शर्मनाक हस्तक्षेप का अमेरिका का यह एक और प्रयास है और उपरोक्त तथ्य इसकी गवाही देते हैं।’ रूस के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि घटनाक्रम को देखने पर इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वॉशिंगटन ने ‘आज्ञा नहीं मानने वाले इमरान खान को दंडित करने का फैसला किया है’, जो यह भी बताता है कि खान के सत्तारूढ़ गठबंधन के कई सदस्यों ने 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव से पहले पक्ष और गठबंधन बदलने का फैसला क्यों किया।
पाकिस्तान में कई दिनों से छिड़ा हुआ है सियासी घमासान
गौरतलब है कि पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा हुआ है और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। इससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। खान ने संसद के निचले सदन, 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रभावी तौर पर बहुमत खो दिया था।
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