मॉस्को: रूस ने शुक्रवार को अपनी यह मांग दोहरायी कि NATO पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा, हालांकि यूक्रेन के पास रूसी सेना के जमावड़े के बीच सैन्य गठबंधन द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया है। रूस ने कहा कि वह पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं करेगा। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को मॉस्को की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि नाटो यूक्रेन और अन्य पूर्व-सोवियत देशों में न तो विस्तार करेगा और न ही बलों को तैनात करेगा, क्योंकि यह यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव को कम करने के लिए राजनयिक प्रयासों की प्रगति के लिए आवश्यक है।
‘हमारा धैर्य खत्म हो गया है’
लावरोव ने तर्क दिया कि रूस की सीमाओं के पास नाटो बलों और हथियारों की तैनाती एक सुरक्षा चुनौती है जिसका तुरंत समाधान किया जाना चाहिए। लावरोव ने कहा, ‘हमारा धैर्य खत्म हो गया है। पश्चिमी देश अभिमान से प्रेरित हैं और अपने दायित्वों और सामान्य ज्ञान के खिलाफ तनाव बढ़ा दिया है।’ लावरोव ने कहा कि रूस को उम्मीद है कि वाशिंगटन और नाटो अगले सप्ताह उसकी मांगों का लिखित जवाब देंगे। तनाव के बीच, यूक्रेन ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर साइबर हमले का सामना किया, जिसके कारण कई सरकारी एजेंसियों की वेबसाइट प्रभावित हुईं।
रूस ने हमले के प्लान से किया इनकार
जिनेवा में इस सप्ताह की वार्ता और ब्रसेल्स में संबंधित नाटो-रूस की बैठक यूक्रेन के पास रूसी सेना के जमावड़े के बीच आयोजित हुई थी। इस जमावड़े पर पश्चिमी देशों को आशंका है कि यह एक आक्रमण की शुरुआत हो सकती है। हालांकि रूस ने अपने पड़ोसी पर हमला करने की योजना से इनकार किया है। उसने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों में नाटो का विस्तार एक ‘लाल रेखा’ है जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए।
यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ा
बता दें कि यूक्रेन पर शुक्रवार को हुए साइबर हमले के बाद से कई सरकारी वेबसाइट बंद हैं। ये हमले ऐसे समय पर किए गए हैं जब मॉस्को और अन्य पश्चिमी देशों के बीच इस सप्ताह हुई वार्ता में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं होने के बाद यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ गया है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने शुक्रवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘बड़े हैकिंग हमले की वजह से विदेश मंत्रालय और कई अन्य सरकारी एजेंसियों की वेबसाइट अस्थायी रूप से बंद हैं। हमारे विशेषज्ञ आईटी प्रणाली के कार्य को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।’
‘रूस के साइबर हमले का लंबा इतिहास’
निकोलेंको ने बताया कि अभी कहना जल्दबाजी होगी कि इस हमले के पीछे कौन है। उन्होंने कहा, ‘किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामलों की जांच चल रही है लेकिन यूक्रेन के खिलाफ रूस के साइबर हमले का लंबा इतिहास रहा है।’ रूस पूर्व में यूक्रेन के खिलाफ साइबर हमलों से इनकार करता रहा है। अधिकारियों के अनुसार, देश की कैबिनेट, सात मंत्रालयों, कोषागार, राष्ट्रीय आपदा सेवा और पासपोर्ट तथा टीकाकरण प्रमाण पत्र संबंधी राज्य सेवा की वेबसाइट हैकिंग की वजह से उपलब्ध नहीं हैं।
यूक्रेनवारियों के निजी आंकड़े हुए लीक?
खबरों के मुताबिक, हैकरों ने विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर यूक्रेनी, रूसी और पोलिश भाषा में संदेश लिखा कि यूक्रेनवासियों के निजी आंकड़े सार्वजनिक मंच पर लीक कर दिए गए हैं। संदेश में लिखा गया, ‘चिंता करो एवं और बुरे की उम्मीद करो। यह तुम्हारे भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के लिए है।’ यूक्रेन की संचार और सूचना सरंक्षण की सरकारी सेवा ने हालांकि दावा किया है कि कोई भी निजी डेटा लीक नहीं हुआ है। गौरतलब है कि अमेरिका का अनुमान है कि यूक्रेन की सीमा पर रूस के एक लाख सैनिक जमा हैं और उनके यूक्रेन पर हमला करने की आशंका है। रूस ने ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया है।
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