मॉस्को: रूस ने तालिबानियों के पक्ष में बड़ा कदम उठाया है। पहली बार रूस की संसद के निचले सदन ने मंगलवार को एक ऐसे विधेयक को मंजूरी दे दी, जो मॉस्को के लिए अफगानिस्तान में तालिबान को आतंकवादी समूह की सूची से हटाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। रूस का रुख पहले भी अफगानिस्तान में तालिबानियों के शासन के प्रति सबसे नरम रहा है। अब रूस के इस कदम से तालिबानियों को और ताकत मिलेगी।
बता दें कि रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा द्वारा पारित विधेयक के तहत किसी संगठन का आतंकवादी समूह का आधिकारिक दर्जा न्यायालय द्वारा निलंबित किया जा सकता है। इस विधेयक को कानून बनने के लिए अभी ऊपरी सदन से मंजूरी मिलना तथा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्ताक्षर होना बाकी है। तालिबान को 2003 में रूस की आतंकवादी संगठनों की सूची में डाल दिया गया था, तथा ऐसे समूहों के साथ कोई भी संपर्क रूसी कानून के तहत दंडनीय है। हालांकि, तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को द्वारा आयोजित विभिन्न मंचों पर भाग लिया।
रूस ने कहा-अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए ये कदम जरूरी
रूसी अधिकारियों ने अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के लिए तालिबान के साथ बातचीत की आवश्यकता पर बल देते हुए इस विरोधाभास से जुड़े सवालों को नजरअंदाज कर दिया है। बता दें कि सोवियत संघ ने अफगानिस्तान में 10 साल तक युद्ध लड़ा जो 1989 में मास्को द्वारा अपने सैनिकों को वापस बुला लेने के साथ समाप्त हुआ। अभी कुछ वर्षों पहले सशस्त्र तालिबानी समूहों ने अफगानिस्तान पर हमला करके वहां की चुनी हुई सरकार को बेदखल कर दिया था। अभी तक तालिबान को बतौर सरकार ज्यादातर देशों ने मान्यता नहीं दी है। (एपी)
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