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Hindi News विदेश यूरोप Russia Natural Gas: रूस ने यूरोप में हो रहे गैस आपूर्ति पर लगाई रोक, सीमा पर कर रहा बड़ी प्लानिंग

Russia Natural Gas: रूस ने यूरोप में हो रहे गैस आपूर्ति पर लगाई रोक, सीमा पर कर रहा बड़ी प्लानिंग

Russia Natural Gas Burn: रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण पूरे यूरोप में गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं रूस पूरे यूरोप को दिखाकर बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस को खुले में जला रहा है।

Russia Natural Gas Burn- India TV Hindi Image Source : TWITTER Russia Natural Gas Burn

Highlights

  • गैस की आपूर्ति जर्मनी को जूलाई के बीच में करनी थी
  • रूस हर दिन 43.4 लाख क्यूबिक मीटर गैस बर्बाद कर रहा है
  • 10 मिलियन डॉलर मूल्य की गैस जला रहा है

Russia Natural Gas: रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण पूरे यूरोप में गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं रूस पूरे यूरोप को दिखाकर बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस को खुले में जला रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फिनलैंड के साथ सीमा के पास एक रूसी संयंत्र हर दिन अनुमानित 10 मिलियन डॉलर मूल्य की गैस जला रहा है। जानकारों का कहना है कि हो सकता है कि गैस का निर्यात पहले जर्मनी को किया गया हो। ब्रिटेन में जर्मनी के राजदूत ने कहा कि रूस गैस जला रहा है क्योंकि वे इसे कहीं और नहीं बेच सकते। अब वैज्ञानिक बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और इससे पैदा होने वाली कालिख को लेकर चिंतित हैं, जिससे आर्कटिक की बर्फ के पिघलने की दर बढ़ सकती है। ऐसे में रूस से तनाव लेने से पूरा यूरोप दोहरी मार झेल रहा है।

रूस हर दिन 43.4 लाख क्यूबिक मीटर गैस बर्बाद कर रहा है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिस्टैड एनर्जी के ताजा विश्लेषण से संकेत मिलता है कि रूस में हर दिन करीब 43.4 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस आग की लपटों में बर्बाद हो रही है। सेंट पीटर्सबर्ग के उत्तर-पश्चिम में पोर्टोवाया में एक नए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) संयंत्र द्वारा गैस की आपूर्ति की जा रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब फिनलैंड के कुछ नागरिकों ने गर्मियों की शुरुआत में सीमा के पास आकाश पर एक बड़ी लौ जलती हुई देखी गई। बाद में पता चला कि यह रूस के पोर्टोवाया में स्थित एक गैस प्लांट था, जहां प्राकृतिक गैस डंपिंग की गई थी। उसे हवा में जलाकर खत्म किया जा रहा था। पोर्टोवाया नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन की शुरुआत में एक कंप्रेसर स्टेशन के करीब स्थित है, जो समुद्र के रास्ते जर्मनी के लिए भेजी जाती थी। 

जर्मनी पर लगाई रोक 
इस गैस की आपूर्ति जर्मनी को जूलाई के बीच में करनी थी। रूस ने नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के माध्यम से जर्मनी को गैस की आपूर्ति बंद कर दी। तब रूस ने कहा था कि इसके लिए यूरोपीय संघ प्रतिबंध के लिए जिम्मेदार हैं। वही दूसरी ओर जर्मनी ने रूस के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यूक्रेन पर हमले के बाद मास्को द्वारा यह एक राजनीतिक कदम था ताकि वह यूरोप पर दबाव बना सके। हालांकि आपूर्ति बंद होने के बावजूद रूस के लिए गैस का उत्पादन तुरंत बंद करना संभव नहीं था। इसके कारण रूसी गैस स्टेशनों और पाइपलाइनों में भारी मात्रा में प्राकृतिक गैस जमा हो गई थी।

इसे पहले इतनी बर्बादी नही देखी 

गैस की इतनी बर्बादी हमने कभी नहीं देखी शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने रूस में इस गैस प्लांट से निकलने वाली गर्मी में जून के बाद से उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। यह प्राकृतिक गैस के जलने से उत्पन्न होता है। प्रसंस्करण संयंत्रों में गैस का जलना आम बात है। आमतौर पर यह तकनीकी या सुरक्षा कारणों से किया जाता है। लेकिन, इतने बड़े पैमाने पर गैस जलाने से विशेषज्ञों की परेशानी बढ़ गई है। ओहियो में मियामी विश्वविद्यालय के उपग्रह डेटा के विशेषज्ञ डॉ जेसिका मैककार्टी ने कहा कि "मैंने कभी भी एलएनजी संयंत्र को इतनी गैस जलती नहीं देखी है। जून के आसपास से हमने प्लांट की चिमनी से लगातार आग निकलती देखी है, जिसे बुझाना अभी बाकी है। यह बहुत ही असामान्य रूप से तेज लपटें फेंक रहा है।

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