Russia-ukraine War:रूसी सैनिक यूक्रेन से करीब सात माह से भीषण युद्ध लड़ रहे हैं। मगर रूस की भारी-भरकम सेना पर कई बार यूक्रेनी सैनिक भारी पड़ चुके हैं। इसके पीछे रूस को अमेरिका और पश्चिमी देशों की कुछ साजिश नजर आ रही है। रूस हैरान है कि यूक्रेन के पास इतनी ताकत आखिर कहां से आ रही है। यह बात तो तय है कि अमेरिका से लेकर यूरोप तक यूक्रेन को युद्ध लड़ने के लिए अत्याधुनिक हथियार दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त रूस को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की भी आशंका है। रूस ने पहले भी अपने सैनिकों को जहर देने का गंभीर आरोप यूक्रेन पर लगाया था। अब रूस ने एक बार फिर अमेरिका समेत यूक्रेन को बड़ी चेतावनी देकर खलबली मचा दी है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राज्य अमेरिका और कीव शासन के अन्य 'प्रायोजकों' को संघर्ष के पक्ष के रूप में गहरी भागीदारी के खिलाफ चेतावनी दी है। लावरोव ने मॉस्को में 'यूनाइटेड रशिया पार्टी जनरल काउंसिल कमीशन ऑन इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड सपोर्ट फॉर कंपैटियट्स लिविंग अब्रॉड' की चौथी बैठक में ये टिप्पणी की। लावरोव ने कहा, विशेष सैन्य अभियान ने कुछ खतरनाक तथ्यों का खुलासा किया है, जिसमें पेंटागन द्वारा स्थापित प्रयोगशालाओं में अवैध सैन्य जैविक कार्यक्रम, साथ ही निषिद्ध रसायनों के निर्माण के साथ प्रयोग शामिल हैं।
परमाणु संयंत्र पर तोप से हमला
यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर सबसे खतरनाक तोप से हमले भी जारी हैं। लावरोव ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी साथियों से रूस के खिलाफ पूर्व-खाली परमाणु हमला करने का आह्वान किया है। दुनिया को कीव शासन से उत्पन्न होने वाले खतरे दिखाई दे रहे हैं। विशेष सैन्य अभियान उसी खतरे को बेअसर करने के लिए है। जेलेंस्की के सचिव हमें यह आश्वासन देने के लिए जो भी प्रयास कर रहे हैं कि उनका मतलब कुछ अलग है, वह सिर्फ हास्यास्पद है। हम सभी को याद है कि उन्होंने फरवरी में कहा था कि यूक्रेन परमाणु हथियार रखना चाहता है। इसका मतलब है कि उन्होंने इस विचार को काफी समय पहले गहराई से अपनाया था।
नाटो में जगह चाहते हैं जेलेंस्की
रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि जेलेंस्की का मानना है कि नाटो को यूक्रेन को आम सुरक्षा परिष्त में जगह देनी चाहिए। इसके लिए जेलेंस्की बहुत प्रयासशील हैं।
लावरोव के कार्यकारी कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने कहा कि यूक्रेन को एक धुरी बनना चाहिए, जिसके चारों ओर यूरोप में एक नई सुरक्षा प्रणाली का निर्माण किया जाना है। पिछले महीने, विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने भी कहा था कि नाटो को यूक्रेन में शामिल होना चाहिए, न कि इसके विपरीत। लावरोव ने कहा कि इस तरह के नारे और महत्वाकांक्षाएं उपजाऊ जमीन पर कहर गिरा रही हैं। इसके जिम्मेदार यूक्रेन और अमेरिका ही हैं।
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