रूस ने यूक्रेन पर गिराया परमाणु बम जैसा घातक "क्लस्टर बम", मची तबाही; कई मायने में न्यूक्लियर बम से भी है खतरनाक
रूस ने यूक्रेन पर फिर बहुत ही घातक प्रहार किया है। इससे यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 5 दर्जन से अधिक इमारतों के परखच्चे उड़ गए हैं। यह हमला क्लस्टर बमों से किया गया है, जो एक बार ब्लास्ट होने के बाद कई छोटे-छोटे बमों में तब्दील हो जाते हैं।
क्लस्टर बम तबाही का एक ऐसा बम है, जो परमाणु तो नहीं, लेकिन एटमिक हथियारों से कई मायनों में कम भी नहीं। क्लस्टर बम जहां गिराये जाते हैं वहां जलजला ला देते हैं। जमीन को बंजर बना देते हैं और आबादी को वीरान कर देते हैं। क्लस्टर का मतलब गुच्छा या किसी चीज का समूह होता है। यह हवा से विमान के जरिये ऊंचाई से गिराये जाते हैं या समुद्र से दागे जाते हैं। जब एक क्लस्टर बम फटता है तो उससे छोटे-छोटे हजारों नए बम हवा में ही तैयार होकर बर्बादी की बारिश करने लगते हैं।
बिलकुल परमाणु बमों की तर्ज पर इनकी संख्या एक से हजारों होती जाती है। इनसे बहुत सारे लघु क्लस्टर बम स्वतः तैयार हो जाते हैं, जो इलाका का इलाका साफ कर देते हैं। इसे दुश्मनों के युद्धक वाहनों को नष्ट करने और लोगों को मारने के लिए बहुतायत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही हवाई पट्टी को उड़ाने, विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों को नष्ट करने, जमीनी-बारूदी सुरंगों को तितर-बितर करने, रासायनिक और जैविक हथियारों को ठिकाने लगाने में भी इन क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया जाता है। क्लस्टर बमों में विस्फोट होने के बाद वह 100 से 1000 मीटर की ऊंचाई तक जा सकते हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये कितने खतरनाक होते हैं। (एपी)
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