8 महीने की भीषण जंग में रूस ने कर लिया यूक्रेन के अहम शहर पर कब्जा, जेलेंस्की बोले "बखमुत अब सिर्फ हमारे दिलों में है"
यूक्रेन से युद्ध में रूस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। रणनीतिक रूप से यूक्रेन के सबसे महत्वपूर्ण शहर पर 8 महीने से अधिक समय की भीषण जंग के बाद रूस ने बखमुत शहर पर कब्जा कर लिया है। कब्जे के बाद रूसी सैनिकों ने अपने देश का झंडा लहराकर जश्न की तस्वीरें शेयर की हैं।
यूक्रेन से युद्ध में रूस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। रणनीतिक रूप से यूक्रेन के सबसे महत्वपूर्ण शहर पर 8 महीने से अधिक समय की भीषण जंग के बाद रूस ने बखमुत शहर पर कब्जा कर लिया है। कब्जे के बाद रूसी सैनिकों ने अपने देश का झंडा लहराकर जश्न की तस्वीरें शेयर की हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने रविवार तड़के दावा किया कि देश की निजी सेना ‘वैगनर’ ने रूसी सैनिकों की मदद से यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा जमा लिया है। इसके कुछ घंटों बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यह कहते हुए इसकी पुष्टि कर दी कि बखमुत ‘अब केवल हमारे दिलों’ में है।
जापान के हिरोशिमा में जी-7 समूह के शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें लगता है कि यूक्रेन ने इस शहर को गंवा दिया, लेकिन ‘‘आपको यह समझना होगा कि कुछ बचा नहीं है। उन्होंने सब कुछ बर्बाद कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज बखमुत केवल हमारे दिलों में है। वहां कुछ नहीं बचा है।’’ रूसी मंत्रालय का बयान उसके टेलीग्राम चैनल पर तब आया है, जब आठ घंटे पहले वैगनर के प्रमुख येवजेनी प्रिगोझिन ने भी ऐसा ही दावा किया था। उस समय यूक्रेनी प्राधिकारियों ने कहा था कि बखमुत के लिए लड़ाई अब भी जारी है। पूर्वी यूक्रेन के इस शहर पर नियंत्रण के लिए आठ महीने से जारी लड़ाई युद्धग्रस्त देश में सबसे लंबी और संभवत: सबसे खूनी लड़ाई है।
बखमुत जीतने के बाद अब रूस के लिए दूसरे शहरों पर कब्जा होगा आसान
इस शहर के सोवियत काल के नाम का इस्तेमाल करते हुए रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘आत्र्योमोव्स्क सामरिक दिशा में वैगनर निजी सेना कंपनी ने दक्षिणी युद्ध समूह के तोपखानों और विमानों के सहयोग से आत्र्योमोव्स्क शहर के मुक्त कराने का अभियान पूरा कर लिया है।’’ रूस की सरकारी समाचार एजेंसियों ने क्रेमलिन की प्रेस सेवा के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘‘वैगनर की हमलावर टुकड़ियों के साथ ही रूस के सशस्त्र बलों की इकाइयों के सभी सैनिकों को बधाई दी, जिन्होंने उन्हें आत्र्योमोव्स्क मुक्त कराने के अभियान को पूरा करने पर आवश्यक सहयोग दिया।’’ टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, वैगनर के प्रमुख प्रिगोझिन ने कहा कि शनिवार दोपहर को बखमुत पूरी तरह से रूसी नियंत्रण में आ गया। वीडियो में प्रिगोझिन के साथ छह लड़ाके नजर आ रहे थे और उनके पीछे खंडहर हो गई इमारतें दिख रही थीं, जबकि दूर से विस्फोट की आवाजें भी सुनाई दे रही थीं।
हालांकि, वीडियो सामने आने के बाद यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियार ने कहा था कि लड़ाई अब भी जारी है। उन्होंने कहा था, ‘‘स्थिति गंभीर है। अभी तक की स्थिति के अनुसार इस क्षेत्र में कुछ औद्योगिक और बुनियादी सुविधाओं पर हमारे सुरक्षा बलों का नियंत्रण बरकरार है। ’’ बखमुत और उसके आसपास आठ महीने से अधिक समय से लड़ाई जारी है। यदि रूसी सेनाओं ने बखमुत पर कब्जा कर लिया है, तो उन्हें अभी भी यूक्रेन के नियंत्रण वाले दोनेत्स्क क्षेत्र के बाकी हिस्से को अपने नियंत्रण में लेने का बड़ा काम करना होगा।
क्या हैं बखमुत की जंग के मायने
फिलहाल यह साफ नहीं है कि बखुमत में लड़ाई में किस पक्ष को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी है। ऐसा माना जा रहा है कि शहर में रूस और यूक्रेन, दोनों के हजारों लोगों की जान गई है। हालांकि, किसी भी पक्ष ने मृतकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मार्च में संवाद एजेंसी ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के साथ एक साक्षात्कार में बखमुत का बचाव करने के महत्व को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा था कि बखमुत को गंवाने से रूस को ऐसे सौदे के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में मदद मिलेगी, जिसमें कीव को अस्वीकार्य शर्तें स्वीकार करनी पड़ सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि बखमुत में हार यूक्रेन के लिए एक झटका होगी और इससे रूस को रणनीतिक बढ़त मिल सकती है, लेकिन यह युद्ध के नतीजे के लिहाज से निर्णायक साबित नहीं होगी।
बखमुत रूस के कब्जे वाली दोनेत्स्क की क्षेत्रीय राजधानी के 55 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। शहर की आबादी 80,000 के आसपास होने का अनुमान है। बखमुत को नमक और जिप्सम की खदानों से घिरा एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र माना जाता है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने कहा कि इस शहर पर कब्जा जमाने से रूस को दोनेत्स्क क्षेत्र में अपने अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो यूक्रेन के उन चार प्रांतों में से एक है, जिन पर मॉस्को ने सितंबर में गैर-कानूनी तरीके से कब्जा जमा लिया था।