इजरायल और ईरान में युद्ध के बढ़ते खतरों के बीच रूस और जर्मनी ने मध्य पूर्व के देशों से संयम बरतने की अपील की है। इजरायली पर हमले की ईरानी धमकी ने पूरे मध्य-पूर्व के देशों को खतरे में डाल दिया है। इस बीच इज़रायल ने कहा कि हम ईरानी धमकी से खतरे में पड़े क्षेत्र में "अपनी सभी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने" की तैयारी कर रहे हैं। वहीं जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइंस ने संघर्ष के खतरे को देखते हुए तेहरान के लिए अपनी उड़ानों का निलंबन बढ़ा दिया। रूस ने भी मध्य पूर्व की यात्रा के खिलाफ चेतावनी जारी कर दी है।
बता दें कि ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में अपने दूतावास परिसर पर हुए हवाई हमले का बदला लेने की कसम खाई है, जिसमें एक शीर्ष ईरानी जनरल और छह अन्य ईरानी सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। इससे गाजा युद्ध से पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हालांकि इज़रायल ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को कहा कि इज़रायल को "दंडित किया जाना चाहिए। क्योंकि यह ईरानी धरती पर हमले के समान था। इसलिए उसे दंड दिया ही जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र को भी घेरा
संयुक्त राष्ट्र में तेहरान के मिशन ने गुरुवार को कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की होती और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया होता तो "ईरान के लिए इस दुष्ट देश को दंडित करने की अनिवार्यता" से बचा जा सकता था। वहीं इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़रायल गाजा में अपना युद्ध जारी रख रहा है, लेकिन अन्य जगहों पर सुरक्षा तैयारी कर रहा है।
वायु सेना अड्डे के दौरे के बाद जारी टिप्पणियों में उन्होंने कहा, "जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे। हम रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से इजराइल राज्य की सभी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।" (रॉयटर्स)
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