Rishi Sunak Profile: भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। भारत के लिए ये गर्व की बात है। वह पहले ऐसे भारतवंशी हैं, जो ब्रिटेन में इतने बड़े पद पर पहुंचे हैं। पेनी मॉरडॉन्ट के नाम वापस लेने के बाद ऋषि (Rishi Sunak) का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया था। ऋषि सुनक के समर्थन में 180 से ज्यादा सांसद थे और अब ये कहा जा रहा है कि वह 28 अक्टूबर को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं और 29 अक्टूबर को कैबिनेट का गठन किया जा सकता है।
ऐसा है निजी जीवन
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ था। उनके पिता डॉक्टर और मां एक क्लीनिक चलाती थीं। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। इस लिहाज से ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। ऋषि तीन बहन-भाई में सबसे बड़े हैं।
ऋषि के पिता का जन्म केन्या और मां तंजानिया से हैं। ऋषि ने राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से की है। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए थे। ऋषि ने फिलोसॉफी, इकॉनोमिक्स और एमबीए की पढ़ाई की है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक (Rishi Sunak) गोल्डमैन सैक्स के साथ काम कर चुके हैं और फिर वह हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए। इसके बाद ऋषि ने एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की।
कैसे हुई राजनीति की शुरुआत
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) साल 2015 में पहली बार यूके की संसद में पहुंचे थे। उन्हें यूके के सबसे अमीर सांसदों में से एक माना जाता है। वह ब्रेग्जिट का समर्थन करते थे, इस वजह से राजनीति में वह तेजी से आगे बढ़ने लगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री टेरिजा मे की कैबिनेट में जूनियर मिनिस्टर का पद भी संभाला है। वह साल 2019 में बोरिस सरकार में ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।
इंफोसिस के को फाउंडर की बेटी से की है शादी
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने इंफोसिस के को फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से शादी की है। इन दोनों की मुलाकात स्टैनफोर्ड में एमबीए कोर्स के दौरान हुई थी। ऋषि और अक्षता के दो बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं।
हिंदू धर्म में विश्वास और कृष्ण भक्ति
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) हिंदू धर्म को मानते हैं और कृष्ण भक्त हैं। सांसद बनने के दौरान उन्होंने ब्रिटिश संसद यानी ऑफ कामंस में भगवत गीता से ही शपथ ली थी। ऋषि पहले ये बात कह चुके हैं कि भगवत गीता उन्हें स्ट्रेस से बचाती है और अपने काम पर डटे रहने के लिए प्रेरित करती है। ऋषि जब बोरिस जॉनसन की लीडरशिप में काम कर रहे थे, तब उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट स्थित अपने घर पर दीपावली के मौके पर दीये भी जलाए थे।
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