Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। रूस जहां यूक्रेन के शहरों पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है, वहीं यूक्रेन भी रूस की मिसाइलों को नष्ट कर अपने इरादे जता रहा है। हाल ही में यूक्रेन ने रूस की ताकतवर किंझल मिसाइल को गिरा दिया। अमेरिकन पेट्रियट मिसाइल से यूक्रेन ने यह कारनामा किया। इसी बीच यूक्रेन की सेना ने बड़ा दावा किया है। यह दावा रूसी सैनिकों के बारे में हैं। यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि एक बीमाी की वजह से रूसी सैनिकों में लड़ने की कैपिसिटी खत्म हो रही है। इस बीमारी में लोगों की आंखों से खून बहने लगता है। यही नहीं, तेज सिरदर्द और दिन में कई बार उल्टी भी होती है।
यूक्रेन के मुख्य खुफिया निदेशालय के कुपियांस्क में रूसी सैनिकों की यूनिट के बीच तथाकथित 'माउस फीवर' फैलने की जानकारी दी है। यह रोग एक तरह से स्ट्रेप्टोकोकल जो कि एक प्रकार का बैक्टिरया होता है, उसका संक्रमण है। यह चूहों के सीधे संपर्क में आने या उनके मल के आसपास सांस लेने से इंसानों में फैलता है। यूक्रेन ने दावा किया कि इस बीमारी के कारण शरीर का तापमान 40 डिग्री तक बढ़ जाता है। गंभीर सिरदर्द, चकत्ते, लो ब्लड प्रेशर और आंखों से खून बहने की समस्या होती है। उल्टी और जी मचलाने की समस्या भी सामने आई है।
'रूसी सैनिकों की शिकायत पर अधिकारियों ने किया नजरअंदाज'
यूक्रेन ने दावा किया कि रूसी सैनिकों ने अपने कमांडरों से इस बीमारी के बारे में शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया। स्काई न्यूज के मुताबिक, कब्जाधारियों के सामने कुपयांस्क दिशा में माउस बुखार बड़े पैमाने पर सैनिकों को बीमार कर रहा है। इस वजह से रूसी जंग लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस इस बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहा है और इसे सैनिकों की ओर से जंग से बचने का एक बहाना मान रहा है।
फरवरी 2022 से लगातार जारी है जंग
दरअसल, यूक्रेन और रूस के बीच फरवरी 2022 से युद्ध जारी है। इसमें दोनों देशों के हजारों सैनिकों और आम नागरिकों की मौत हो चुकी है। वहीं हजारों घायल हुए हैं। इस बीच यूक्रेन ने रूस के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए सेना की संख्या 15 लाख करने की योजना बनाई है। जेलेंस्की ने कहा, "मैंने सेना से कहा कि इसका समर्थन करने के लिए मुझे और तर्कों की आवश्यकता होगी। क्योंकि सबसे पहले, यह लोगों का सवाल है, दूसरा यह निष्पक्षता का सवाल है, यह रक्षा क्षमता का सवाल है, और यह वित्त का सवाल है।"
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