पेरिस: भारतीय वायुसेना में इस समय सबसे उन्नत और आधुनिक फाइटर जेट्स की बात करें तो सबसे पहला नाम राफेल का आता है। राफेल को भारत सरकार ने फ़्रांस से खरीदा है और इस समय भारतीय वायुसेना के बेड़े में 36 राफेल जेट हैं। वायुसेना में शामिल होने के बाद राफेल 26 जनवरी की कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर चुका है। वहीं अब पहली बार यह देश की सीमा से बाहर किसी अन्य देश की वायुसीमा में उड़ान भर रहा है।
NATO के कई सदस्य देश भी इस युद्धाभ्यास में ले रहे हिस्सा
दरअसल फ़्रांस में एक युद्धाभ्यास हो रहा है। इस युद्धाभ्यास में दुनियाभर के कई देशों की वायुसेना हिस्सा ले रही हैं। इस युद्धाभ्यास का मकसद एक दूसरे के साथ एक-दूसरे की कार्य प्रणालियों को समझना और सेनाओं की कार्यशैली को समृद्ध करना है। भारतीय वायुसेना के अलावा इस युद्धाभ्यास में NATO के सदस्य देश जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, ब्रिटेन, स्पेन और अमेरिका की वायुसेना हिस्सा ले रही हैं।
17 अप्रैल से शुरू हुआ युद्धाभ्यास 5 मई तक चलेगा
यह युद्धाभ्यास फ़्रांस के मॉन्ट-डे-मार्सन में फ्रेंच एयर एंड स्पेस फ़ोर्स के बेस स्टेशन में हो रहा है। इस युद्धाभ्यास का नाम एक्सरसाइज ओरियन दिया गया है। यह 17 अप्रैल से शुरु हुआ है और 05 मई 2023 तक चलेगा। इस अभ्यास में IAF के चार राफेल फाइटर जेट, दो सी-17 ग्लोबमास्टर III हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट और दो ll-78 विमान और 165 वायु सैनिक शामिल हुए हैं
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