Queen Elizabeth II: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को सोमवार को अंतिम विदाई देते हुए उनके ताबूत को विंडसर कैसल स्थित सेंट जॉर्ज चैपल के शाही ‘वॉल्ट’ (शव कक्ष) में नीचे रख दिया गया। ब्रिटिश शाही परिवार में सर्वाधिक वरिष्ठ अधिकारी लॉर्ड चैम्बरलैन ने ‘राजदंड’ तोड़ने की रस्म पूरी की। शाही परिवार और सैकड़ों की संख्या में लोगों ने दिवंगत महारानी को अंतिम विदाई दी। लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि महारानी ने अपनी मौत से पहले 7 साल के बच्चे को एक लेटर लिखा था। इस बच्चे का नाम चार्ली है। ये पूर्वी लंदन के इलफोर्ड का रहने वाला है।
इस बच्चे ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजशाही में प्रवेश की प्लेटिनम जयंती पर बधाई देने के लिए एक लेटर लिखा था। लेकिन उसे इसका जवाब महारानी के निधन के बाद मिला है। चार्ली की मां गेम्मा ने कहा कि जब उन्हें कार्ड मिला तो उन्हें यकीन नहीं था कि कार्ड असली है या नहीं। उन्होंने चार्ली को एक लेटर देते हुए कहा कि यह बकिंघम पैलेस से आया है। मैंने इसे नहीं बनाया है। लेटर में लिखा था, 'मैं सिंहासन पर मेरे प्रवेश की 70वीं वर्षगांठ पर आपके संदेश के लिए अपना आभार व्यक्त करती हूं।'
लेटर का मिलना बहुत ही खास क्षण
उन्होंने कहा कि वह बहुत दुखी थीं, जब उन्होंने चार्ली को बताया कि महारानी का अब निधन हो गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि महारानी दुनिया छोड़ने से पहले उनका लेटर पढ़ लेंगी। पूरे शाही कर्मचारियों ने महारानी के सभी लेटर को प्रबंधित करने और उनका जवाब देने का काम किया है। गेम्मा ने आगे कहा, 'यह लेटर प्राप्त करना एक बहुत ही खास और भावनात्मक क्षण था। इससे भी अधिक, हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि यह उस दिन भेजा गया था, जिस दिन महारानी की मृत्यु हुई थी। चार्ली ने बाद में यह लेटर अपने स्कूल के प्रिंसिपल को दिखाया, जो इससे बेहद बहुत प्रभावित हुए। चार्ली ने शुक्रवार की स्कूल मीटिंग में मुख्य मंच पर अपने द्वारा भेजे गए लेटर और महारानी से प्राप्त कार्ड के बारे में बात भी की है।
हर साल महिला को एक पत्र मिलता था
अमेरिका में रहने वाली एक महिला ने बताया है कि महारानी एलिजाबेथ और वह पिछले 70 सालों से एक-दूसरे से चिट्ठियों के जरिए बात करते थे। क्योंकि दोनों का जन्मदिन एक ही तारीख को पड़ता था। महारानी की तरह नॉर्थ डकोटा की रहने वाली एडेल का भी जन्म 21 अप्रैल 1926 को हुआ था। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला ने महारानी के महिला बनने के बाद अपना पहला लेटर उन्हें भेजा था।
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