मास्कोः रूस के राष्ट्रपति पुतिन अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के गिरफ्तारी वारंट के बावजूद मंगोलिया यात्रा पर जाने वाले हैं। मंगोलिया ऐसा पहला देश है जो कि आईसीसी का सदस्य है। ऐसे में पुतिन कि गिरफ्तारी की आशंका है। बावजूद क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति के सरकारी आवास) ने कहा है कि उसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी मंगोलिया यात्रा के सिलसिले में कोई चिंता नहीं है। मंगोलिया अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) का हिस्सा है और इस न्यायालय ने पुतिन के खिलाफ पिछले साल गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
बता दें कि पुतिन का तीन सितंबर को मंगोलिया जाने का कार्यक्रम है। मार्च 2023 में आईसीसी से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पुतिन की किसी आईसीसी सदस्य देश की यह पहली यात्रा होगी। आईसीसी ने यूक्रेन में संदिग्ध युद्ध अपराध को लेकर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इस अदालत की स्थापना संधि ‘रोम संविधि’ के मुताबिक जिसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया होता है, वह यदि किसी आईसीसी सदस्य देश में कदम रखता है, तो उसे गिरफ्तार करना उस देश का दायित्व बनता है। लेकिन अदालत के पास अपने आदेशों को लागू करने का क्रियान्वयन तंत्र नहीं है।
2015 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति के खिलाफ भी जारी था ऐसा वारंट
ऐसे ही बहुचर्चित मामले में, जब 2015 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल-बशीर ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की थी, तब उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गिया था। दक्षिण अफ्रीका आईसीसी का सदस्य है। उसके इस कदम की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं देश के मुख्य विपक्षी दल ने कड़ी आलोचना की थी। पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि क्रेमलिन को आगामी यात्रा को लेकर कोई ‘चिंता नहीं’ है:‘‘मंगोलिया के अपने मित्रों के साथ हमारी शानदार बातचीत रही है।’
पेस्कोव पहले दृढ़ता से कह चुके हैं कि रूस आईसीसी के क्षेत्राधिकार को नहीं मानता है। क्रेमलिन द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार, पुतिन ‘ जापानी सैन्यवादियों पर सोवियत और मंगोलियाई सशस्त्र बलों की संयुक्त जीत की 85 वीं वर्षगांठ पर औपचारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए’ (मंगोलियाई) राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख के निमंत्रण पर मंगोलिया की यात्रा करेंगे। (एपी)
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