नई दिल्ली: पोप फ्रांसिस ने ‘बर्बर’ युद्ध शुरू करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि वह कीव की एक संभावित यात्रा की संभावना तलाश रहे हैं। पोप ने माल्टा पहुंचने के बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बारे में अपनी सबसे स्पष्ट और व्यक्तिगत रूप से निंदा की। फ्रांसिस ने पुतिन का नाम नहीं लिया लेकिन इशारा तब स्पष्ट था जब उन्होंने कहा कि ‘‘एक शासक’’ ने ‘‘राष्ट्रवादी हितों के दावों" की आड़ में एक ‘‘बर्बर आक्रमण’’ से दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा उत्पन्न कर दिया है।
फ्रांसिस ने अपने सप्ताहांत यात्रा की शुरुआत में भूमध्यसागरीय द्वीपीय राष्ट्र (Mediterranean Island Nation) में माल्टा के अधिकारियों और राजनयिकों से कहा, ‘‘हमने सोचा था कि अन्य देशों पर आक्रमण, सड़क पर भीषण लड़ाई और परमाणु खतरा अतीत की यादें हैं।’’ फ्रांसिस ने अभी तक रूस या पुतिन का नाम लेने से परहेज किया है। हालांकि, शनिवार को एक शक्तिशाली व्यक्ति का उल्लेख करके पोप ने एक नये स्तर की नाराजगी को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार फिर, एक शासक, दुखद रूप से राष्ट्रवादी हितों के कालानुक्रमिक दावों की आड़ में संघर्षों को भड़का रहे हैं जबकि आम लोग का मानना है कि एक ऐसा भविष्य बनाने की आवश्यकता है जो या तो साझा हो या बिल्कुल नहीं हो।’’ वेटिकन वार्ता के लिए विकल्प खुले रखने की उम्मीद में आक्रमणकारी का नाम नहीं लेता है। वेटिकन ने हाल के वर्षों में पुतिन-संबद्ध रूसी रूढ़िवादी चर्च के साथ अभूतपूर्व नए संबंध बनाए हैं। उसने खुद को एक संभावित मीडिएटर के रूप में पेश किया लेकिन उसे अभी तक कूटनीतिक किनारे पर रखा गया है।
फ्रांसिस ने माल्टा के रास्ते में संवाददाताओं से कहा कि कीव की संभावित यात्रा की संभावना तलाशी जा रही है लेकिन यात्रा की न तो अभी पुष्टि हुई है और न ही इसकी कोई तारीख निर्धारित हुई है। यूक्रेन की राजधानी के मेयर ने फ्रांसिस को अन्य धार्मिक हस्तियों के साथ शांति के दूत के रूप में आने के लिए आमंत्रित किया था। फ्रांसिस ने यह भी कहा कि युद्ध ने उनके दिल को इतना दुख दिया कि वह कभी-कभी अपने घुटनों के दर्द को भूल जाते हैं।
बता दें कि फ्रांसिस को कुछ महीनों से दाहिने घुटने में दिक्कत है। दिक्कत इतनी बढ़ गई कि वेटिकन ने शनिवार को माल्टा की उड़ान के लिए उनके विमान में चढ़ने और उतारने के लिए एक टरमैक लिफ्ट की व्यवस्था की। फ्रांसिस के बगल में माल्टा के राष्ट्रपति भी थे। फ्रांसिस ने यूरोपीय संघ द्वारा लीबिया के साथ किये गए ‘‘समझौतों" की निंदा की जो शरणार्थियों को वापस करने के लिए है। फ्रांसिस ने कहा कि यूरोप को उनका स्वागत करने में मानवता दिखानी चाहिए। गौरतलब है कि माल्टा, यूरोपीय संघ का सबसे छोटा सदस्य देश है जहां लंबे समय से भूमध्यसागर से होकर शरणार्थी आते रहे हैं। माल्टा ने अपने से बड़े पड़ोसी देशों से बार-बार आग्रह किया है कि वे भी शरणार्थियों को जगह देने में सहयोग करें।
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