Russia Ukraine War Timeline: पीएम मोदी की कीव यात्रा के बीच जान लीजिए रूस-यूक्रेन जंग में अब तक क्या-क्या हुआ
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। जंग के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन पहुंचे हैं। चलिए आपको बताते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग में अब तक क्या-क्या हुआ है।
Russia Ukraine War Timeline: रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुए को करीब ढाई साल हो चुके हैं। जब जंग शुरू हुई तो माना जा रहा था कि छोटा देश यूक्रेन कुछ दिनों या हफ्तों में रूस के आगे घुटने टेक देगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब हालात कुछ ऐसे हैं कि यूक्रेन ने रूस के कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। दोनों ही देशों की तरफ से लगातार हमले किए जा रहे हैं। जंग के बीच इन वर्षों में दुनिया बंटी हुई नजर आई। अमेरिका और नाटो देशों ने हर तरह से यूक्रेन की मदद की तो वहीं रूस भी चीन और उत्तर कोरिया के नजदीक जाता हुआ दिखा। चलिए आपको एक टाइमलाइन के जरिए जंग की पृष्ठभूमि और अब तक क्या-क्या हुआ इस बारे में बताते हैं।
युद्ध की पृष्ठभूमि (1991-2024)
1991: सोवियत संघ के विघटन के बाद, यूक्रेन एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा। हालांकि, रूस ने यूक्रेन पर हमेशा से प्रभाव बनाए रखने की कोशिश की।
2014: रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इसके बाद, पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थक विद्रोही समूहों ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों में संघर्ष शुरू कर दिया।
युद्ध की शुरुआत (2022)
24 फरवरी- रूस ने आक्रमण किया
रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण शुरू किया। रूसी सेना ने यूक्रेन के कई शहरों पर हमले किए, जिनमें कीव, खारकीव और मारियुपोल शामिल थे। यूक्रेन ने इसका जोरदार विरोध किया, और यह संघर्ष तेजी से एक बड़े युद्ध में बदल गया।
25 फरवरी- जेलेंस्की ने दिया जवाब
रूस के आक्रमण के शुरुआती घंटों में अफरातफरी के बीच, अफवाहें फैलीं कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की देश छोड़कर भाग गए हैं। लेकिन इसके बाद ज़ेलेंस्की और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने कीव की सड़कों से एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें यूक्रेनियों को आश्वासन दिया गया कि "हम सभी यहां अपनी स्वतंत्रता, अपने राज्य की रक्षा के लिए हैं, और यह ऐसा ही रहेगा।"
2 मार्च- रूस ने खेरसॉन पर कब्जा किया
रूसी सेना ने यूक्रेन के एक प्रमुख शहर खेरसॉन पर कब्जा कर लिया।
29-30 मार्च- कीव पर कब्जा करने का प्रयास
रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन यूक्रेनी सेना के कड़े प्रतिरोध के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा।
3 अप्रैल- यूक्रेन को बुचा में रूसी अत्याचारों का पता चला
कीव के उपनगरों से रूस की सेना आम लोगों पर अत्याचार किए, जिसके सबूत सामने आए। पुतिन ने कथित तौर पर शहर में क्रूरता करने वाली ब्रिगेड को वीरता के पदक से सम्मानित किया।
14 अप्रैल- यूक्रेन ने रूसी फ्लैगशिप मोस्कवा को डुबोया
रूस का ब्लैक सी फ्लैगशिप और युद्धपोत एक विस्फोट के बाद डूब गया। मास्को ने इसे हादसा बताया और यूक्रेन रहा कि एंटी-शिप मिसाइलों के हमलों में शिप डूबा है। मोस्कवा का डूबना रूस के लिए एक झटका था।
18-19 अप्रैल- रूस ने आधिकारिक तौर पर युद्ध के 'अगले चरण' की ओर रुख किया
रूस ने कीव से अपने सैनिकों को यूक्रेन के पूर्वी डोनबास क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया और 18 अप्रैल को व्यापक हमला किया। यूक्रेन ने इसे "युद्ध का नया चरण" कहा। इसके बाद मॉस्को ने 19 अप्रैल को अपने आक्रमण के "अगले चरण" की घोषणा की।
18 मई - स्वीडन और फ़िनलैंड ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया
स्वीडन और फ़िनलैंड ने पुतिन की अपने पड़ोसियों के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैये का हवाला देते हुए उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में शामिल होने के लिए आवेदन किया। पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की वजह नाटो विस्तार को भी बताया था।
20 मई - रूस ने मारियुपोल पर किया हमला
रूसी सेना ने मारियुपोल पर हमला किया। यूक्रेनी रक्षकों ने भयंकर लड़ाई लड़ी। रूस ने मारियुपोल पर कब्जा कर लिया, जिससे यूक्रेन के लिए आज़ोव सागर तक की पहुंच कट गई।
22 मई- शुरू हुई यूक्रेन की मदद
यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता प्राप्त करनी शुरू की। इसके बाद यूक्रेनी सेना ने कई क्षेत्रों को फिर से अपने नियंत्रण में लेना शुरू किया।
3 जुलाई - रूस ने लुहांस्क ओब्लास्ट के पूरे लिसिचांस्क पर कब्जा कर लिया
डोनबास पर कब्जा करने के रूस के प्रयास का 3 जुलाई को लिसिचांस्क पर कब्जा करने के साथ ही प्रभावी समापन हो गया। मॉस्को को लुहांस्क प्रांत पर पूरा नियंत्रण मिल गया।
29 अगस्त - यूक्रेन ने पहला बड़ा जवाबी हमला किया
यूक्रेन ने खेरसॉन को फिर से अपने कब्जे में लेने और रूसी सेना को नीपर नदी के पूर्व में धकेलने के लिए अभियान शुरू किया।
30 सितंबर- रूस ने की बड़ी घोषणा
रूस ने डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ख़ेरसॉन और ज़ापोरिज़िया क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा की। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकारा गया।
नवंबर 2022: यूक्रेनी सेना ने खेरसॉन शहर को फिर से कब्जा कर लिया, जो युद्ध के एक बड़े मोड़ के रूप में देखा गया।
2 अक्टूबर- यूक्रेन ने खार्किव पर किया कब्जा
यूक्रेन की तरफ से खार्किव में आश्चर्यजनक तेजी के साथ हमला किया और उसे फिर अपने कब्जे में ले लिया।
8-10 अक्टूबर - यूक्रेन ने क्रीमिया पुल को किया ध्वस्त, रूस ने की जवाबी कार्रवाई
रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले 3.6 बिलियन डॉलर के केर्च स्ट्रेट ब्रिज को यूक्रेन नें ध्वस्त कर दिया। इसके खिलाफ रूस ने घातक मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए।
11 नवंबर - यूक्रेन ने खेरसॉन पर फिर से किया कब्जा
रूस पर वार करते हुए हुए यूक्रेनी सेना ने खेरसॉन में प्रवेश किया। इस आक्रमण से यूक्रेन ने फिर से खेरसॉन पर कब्जा कर लिया।
रूस-यूक्रेन के बीच जंग (2023)
9 फरवरी, 2023 - रूस ने आक्रामक अभियान शुरू किया
रूसी सेना ने पूरे डोनबास क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए एक नए अभियान की शुरुआत की। इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने 16 फरवरी को कहा कि रूस के "सैनिक अपर्याप्त रूप से सुसज्जित और खराब प्रशिक्षित हैं, और इस वजह से वो बहुत अधिक हताहत हो रहे हैं।"
21 मई - रूस ने बखमुट पर जीत का दावा किया
बखमुट के लिए लड़ाई, युद्ध की सबसे लंबी और सबसे खूनी लड़ाई, शुरू होने के एक साल बाद समाप्त हुई। रूस ने 10,000 लड़ाकों को खोने के बाद 21 मई को बखमुट पर जीत का दावा किया। यूक्रेन ने बखमुट के लिए लड़ाई जारी रखी।
8 जून- यूक्रेन ने शुरू किया जवाबी हमला
यूक्रेन ने जून की शुरुआत में पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में अपना जवाबी हमला शुरू किया। कुछ ही दिनों में, यूक्रेन ने डोनेट्स्क-ज़ापोरिज़िया सीमा के पास कई छोटे गांवों पर फिर से कब्जा कर लिया।
24 अगस्त- यूक्रेन का क्रीमिया पर छापामार हमला
यूक्रेनी विशेष बलों ने क्रीमिया पर हमला किया। ड्रोन और मिसाइल हमलों से क्रीमिया की रक्षा करने वाले इलेक्ट्रॉनिक युद्ध स्टेशन पर हमला किया और यूक्रेनी झंडा लगाया गाया। अक्टूबर की शुरुआत में एक छापे के बाद, रूस ने एक यूक्रेनी कमांडो को पकड़ने का दावा किया।
13-22 सितंबर- यूक्रेन ने रूस के ब्लैक फ्लीट मुख्यालय पर हमला किया
13 सितंबर को यूक्रेन के मिसाइल हमले ने क्रीमिया के सेवस्तोपोल में रूस के ब्लैक सी फ्लीट के मुख्य बंदरगाह पर खड़ी एक पनडुब्बी और जहाज को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। 22 सितंबर को यूक्रेन ने बेड़े के मुख्यालय पर हमला किया। यूक्रेन की सेना ने कहा कि हमले में 34 रूसी अधिकारी मारे गए।
रूस-यूक्रेन के बीच जंग (2024)
8 फरवरी, 2024- ज़ेलेंस्की ने शीर्ष जनरल को हटाया
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस के आक्रमण के बाद सेना में सबसे बड़े फेरबदल में यूक्रेन की जमीनी सेना के कमांडर जनरल ओलेक्सेंडर सिर्स्की को ज़ालुज़नी की जगह नियुक्त किया। एक महीने बाद 7 मार्च को ज़ालुज़नी को यूनाइटेड किंगडम में यूक्रेन का राजदूत नियुक्त किया गया।
17 फरवरी - रूस ने अवदीवका पर कब्जा किया
रूसी सेना ने अवदीवका पर कब्जा कर लिया। अवदीवका पर कब्जा करना बखमुट के बाद रूस की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। यूक्रेनी कमांडरों ने कहा कि शहर पर 5 महीने के हमले में 47,000 रूसी मारे गए या घायल हुए, जो कि अवदीवका की युद्ध-पूर्व आबादी लगभग 32,000 से ज्यादा है।
24 अप्रैल - अमेरिका ने दी 61 बिलियन डॉलर की सहायता को मंजूरी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के लिए 60.8 बिलियन डॉलर की सैन्य सहायता के साथ 95 बिलियन डॉलर के विदेशी सहायता पैकेज पर हस्ताक्षर किए।
अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन की लगातार मदद कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच जंग अभी भी जारी है, और कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा है। रूस और यूक्रेन दोनों तरफ से भारी हताहत हुए हैं, और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार शांति की अपील कर रहा है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
23 अगस्त- पीएम मोदी का दौरा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन पहुंचे हैं। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर गए पीएम मोदी ने कहा है कि वह जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को लेकर यूक्रेनी नेता के साथ अपने विचार साझा करेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
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