RUSSIA-UKRAINE WAR: पूर्व यूक्रेनी शहर स्लोवियांस्क के लोग रात में सबसे अधिक डरते हैं, जब रॉकेट और तोप के हमले बढ़ जाते हैं। रात के अंधेरे में गोलाबारी और रॉकेट हमले के कारण इमारतों से लेकर पेड़ तक धराशायी हो जाते हैं। दक्षिण-पश्चिम में अग्रिम पंक्ति से 11 किमी से थोड़ा अधिक दूरी पर स्थित स्लोवियनस्क रूसी सेना के तोपखाने की जद में आता है। पूरा डोनेत्स्क प्रांत पर कब्जा करने की मास्को की महत्वाकांक्षा के लिहाज से यह शहर उसका एक रणनीतिक लक्ष्य माना जाता है।
जो हो रहा है वो काफी दर्दनाक
पूर्वी यूक्रेन के इस हिस्से में ज्यादातर रूसी भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं और यह यूक्रेनी औद्योगिक गढ़ डोनबास का एक हिस्सा है। दमकल विभाग ने बुधवार को एक अपार्टमेंट वाली इमारत के अब भी सुलगते मलबे के बीच छानबीन की। आस-पास बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे रिश्तेदारों ने कहा कि वे तीसरी मंजिल पर रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति की तलाश कर रहे हैं। 75 वर्षीय रायसा स्माइल्कोवा ने कहा कि अब जो हो रहा है वह डरावना नहीं काफी दर्दनाक स्थिति है। रायसा भी इसी इमारत के दूसरे हिस्से में रहती हैं, लेकिन उनके अपार्टमेंट को मामूली नुकसान हुआ है। रायसा ने कहा कि यह युद्ध वर्ष 2014 के युद्ध से भी बदतर है, जब यूक्रेनी सेना ने रूसी समर्थित अलगाववादियों से लड़ाई लड़ी थी।
रायसा ने कहा कि वह और उनके पति जीवित रहने के लिए पेंशन पर आश्रित हैं और यूक्रेन के एक सुरक्षित हिस्से में जाने का जोखिम नहीं उठा सकतीं। रायसा ने आगे बताया कि अगर हम मारे गए, तो हम मर जाएंगे, मैं क्या कर सकती हूं? उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनसे कह रहे हैं कि क्या तुम डरती नहीं हो? लेकिन मेरा जवाब है कि बेशक मुझे डर है, केवल मूर्ख ही नहीं डरते, बाकी भी मेरी तरह डरते हैं।
विस्फोट ने सबकुछ कर दिया खत्म
चौबीस घंटे पहले शहर के दूसरे हिस्से में हुए एक अन्य हमले में विस्फोट की शक्ति ने 92 वर्षीय मारिया रुबन को बिस्तर से फर्श पर गिरा दिया। विस्फोट इतना तेज था कि उसे याद नहीं है कि वह कितनी देर तक वहां अकेली और असहाय पड़ी रही। मारिय ने कहा कि मैंने होश खो दिया और आसपास कोई नहीं था, कोई भी मेरी मदद नहीं कर सकता था। मारिया खुद उठीं लेकिन घर से बाहर नहीं निकल सकीं, क्योंकि विस्फोट की ताकत ने दरवाजा बंद कर दिया था। मरिया को चिंता है कि छत और खिड़कियों के उड़ जाने से अब भीषड़ ठंड से अपना बचाव कैसे करेंगी। इसी तरह बमबारी से मारिया के पड़ोसी की छत उड़ गई और सेब के पेड़ धराशायी हो गये।
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