पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सी नवलनी की अंतिम यात्रा में उमड़ा लोगों का हुजूम, इन नारों से दिया राष्ट्रपति को बड़ा संदेश
रूस में राष्ट्रपति पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सी नवलनी अपनी अंतिम यात्रा पर शुक्रवार को रवाना हो गए। दुनिया से अलविदा करते लोगों की आंखों में आंसू आ गए। इस दौरान लोगों के हाथों में मोमबत्तियां, गुलदस्ते, पैम्फलेट और बैनर था। साथ ही उनमें सरकार के प्रति अक्रोश भी। लोगों ने कहा नवलनी तुम डरे नहीं, हम लोग भी नहीं डर रहे।
मॉस्को: रूस में विपक्ष के प्रमुख नेता रहे एलेक्सी नवलनी की जेल में दो हफ्ते पहले मौत हो जाने के बाद शुक्रवार को लोगों ने आखिरी विदाई दी। इस दौरान यहां भारी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती के बीच हजारों लोगों का हुजूम उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ पड़ा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक रहे नवलनी (47) का शव प्राप्त करने के लिए उनके परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। नवलनी के समर्थकों ने कहा है कि सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले और बड़े प्रदर्शन आयोजित करने वाले नवलनी की अंत्येष्टि कराने से मास्को में कई गिरिजाघरों ने इनकार कर दिया, लेकिन आखिरकार मारयिनो जिला स्थित एक गिरिजाघर इसके लिए तैयार हो गया।
पश्चिमी देशों के कई नेताओं ने नवलनी की मौत के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। नवलनी की टीम ने ‘द चर्च ऑफ द आइकन ऑफ द मदर ऑफ गॉड सूथे माय सॉरोज’ से उनकी अंत्येष्टि की अनुमति प्राप्त कर ली। नवलनी के ताबूत को वाहन से उतारे जाने और गिरिजाघर में ले जाये जाने के बाद वहां एकत्र लोगों ने ‘‘नवलनी ! नवलनी ! नारे लगाए।’’ कुछ लोगों ने कहा, ‘‘आप भयभीत नहीं थे, हम भी नहीं हैं ! हम युद्ध नहीं चाहते।’’ रूस के राष्ट्रपति पद के आकांक्षी बोरिस नाजेदिन और येकेतरीना दुंसोवा के साथ अमेरिकी राजदूत लीन ट्रेसी सहित पश्चिमी देशों के राजनयिक भी इस मौके पर उपस्थित थे।
अब पुतिन के लिए सिर्फ बोरिस और येकेतरीना की चुनौती
नवलनी के बाद अब पुतिन के सामने बोरिस और येकेतरीना ही चुनौती के तौर पर रह गए हैं। ये दोनों ही नेता आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहते हैं और पुतिन के यूक्रेन युद्ध का विरोध किया है। गिरिजाघर के अंदर की एक तस्वीर में देखा जा सकता है कि नवलनी के शव वाला ताबूत लाल और सफेद रंग के फूलों से ढंका हुआ है और एक मोमबत्ती लिए उनकी मां बगल में बैठी हुई हैं। नवलनी के पिता भी मौजूद थे लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि परिवार के और कौन से सदस्य शामिल हुए। नवलनी की पत्नी युलिया नवलनाया ने दो दिन पहले फ्रांस में यूरोपीय संसद को संबोधित किया था। उनकी बेटी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, लेकिन उनके बेटे के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अंत्येष्टि कार्यक्रम का नवलनी के यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया गया।
क्रेमलिन ने कहा लोगों ने तोड़ कानून तो होगी कार्रवाई
नवलनी की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ देखकर रूसी राष्ट्रपति कार्यालय भी हैरान रह गया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने मास्को और अन्य स्थानों पर एकत्र लोगों से कानून नहीं तोड़ने की अपील करते हुए कहा कि कोई भी अनधिकृत जमावड़ा कानून का उल्लंघन होगा। हजारों लोगों की भीड़ गिरिजाघर से लेकर बोरीसोवस्कोय कब्रिस्तान तक जनाजे में शामिल हुई। कब्रिस्तान में भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। ताबूत खोले जाने पर नवलनी के माता-पिता और अन्य ने उनके शव को स्पर्श किया। इसके बाद, ताबूत को कब्र में उतार दिया गया। नवलनी की मां ल्यूडमिला नवलनाया ने 16 फरवरी को उनकी मृत्यु हो जाने के बाद उनका शव प्राप्त करने के लिए आठ दिनों तक मशक्कत की। अधिकारियों ने यह दलील दी थी कि वे शव नहीं सौंप सकते क्योंकि पोस्टमार्टम बाकी है।
19 साल की सजा काट रहे थे नवलनी
नवलनाया ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शव सौंपने का एक वीडियो संदेश के जरिये आग्रह किया था ताकि वह गरिमापूर्ण तरीके से अपने बेटे की अंत्येष्टि कर सकें। नवलनी चरमपंथ के आरोप में 19 साल जेल की सजा काट रहे थे। उन्हें पिछले साल दिसंबर में मध्य रूस के दूरदराज के आकर्टिक क्षेत्र में खार्प शहर स्थित उच्चतम सुरक्षा वाली एक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। रूसी अधिकारियों ने नवलनी की मौत के कारणों का अब तक खुलासा नहीं किया है। रूस सरकार ने नवलनी के फाउंडेशन फॉर फाइटिंग करप्शन और उसके क्षेत्रीय कार्यालयों को 2021 में चरमपंथी संगठन घोषित कर दिया था। (एपी)
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