Nuclear War: एक नई रिसर्च में कहा गया है कि अगर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध होता है, तो दुनियाभर के करीब 5 अरब लोगों की मौत हो जाएगी। इनकी मौत का सबसे बड़ा कारण खाने की कमी होगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि परमाणु हमले के कारण खाद्य उत्पादन की कमी से सबसे अधिक लोग प्रभावित होंगे। रटबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने इस तथ्य का भी विस्तृत अध्ययन किया है कि परमाणु हमले के बाद परमाणु सर्दी आएगी, जिसके कारण धरती लंबे वक्त तक ठंडी रहेगी। अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और चीन सहित कई देशों में भारी विनाश होगा।
हिरोशिमा और नागासाकी से बुरा हाल होगा
युद्ध के दूसरे साल यहां लगभग सभी लोग मर जाएंगे। वहीं दूसरी ओर अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इससे पूरी तरह बचे रहेंगे। यहां तक कि अगर दुनिया के साथ इनका व्यापार रुक जाएगा, तो भी ये देश जी जाएंगे। प्रोफेसर एलन रोबक का कहना है कि 'हर कोई जानता है कि परमाणु युद्ध के परिणाम क्या होंगे। हमने ये हिरोशिमा और नागासाकी में देखा है। हमारी रिसर्च में पता चला है कि इससे भी 10 गुना अधिक प्रभाव पड़ेगा और दुनियाभर में पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाएगी। '
बचने के लिए कौन सी जगह होगी सबसे सही
वैज्ञानिकों ने कहा कि उनकी रिसर्च में पता चला है कि अगर अधिकतर लोग परमाणु हमले के कारण न मरें, लेकिन उन्हें भूख मार देगी। अधिकतर देशों में खाद्य उत्पादन में 90 फीसदी तक की गिरावट आएगी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, पनामा, पराग्वे और हैती खाने की कमी के बावजूद स्थिर रहेंगे। इसका सबसे बड़ा कारण है कि ये देश पहले से ही जनसंख्या के हिसाब से बहुत अधिक गेहूं का उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि रोबक ने कहा कि, 'इन देशों के लिए पर्याप्त भोजन होगा, लेकिन इनके लिए सबसे बड़ी चिंता एशिया से आने वाले भूखे शरणार्थी होंगे।'
भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर चेतावनी दी
ये रिसर्च ऐसे वक्त पर सामने आई है जब संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुतारेस ने भी परमाणु युद्ध के खतरे को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि ताइवान और यूक्रेन का संघर्ष दुनिया को परमाणु युद्ध के करीब ले जा रहा है। इस रिसर्च को नेचर फूड में प्रकाशित किया गया है, जिसमें अमेरिका और रूस के युद्ध के साथ ही भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर भी चेतावनी दी गई है। रिसर्च में कहा गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच छोटे पैमाने का युद्ध होता है, तो भी पांच साल में दुनिया का 7 फीसदी फसल उत्पादन कम हो सकता है।
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