रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब परमाणु युद्ध की घंटी बजती दिख रही है। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस की संसद ने अब ये अहम फैसला किया है। दरअसल निचली सदन के बाद अब रूसी संसद के ऊपरी सदन ने भी बुधवार को वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध के अनुमोदन को रद्द कर दिया। यानि अब रूस नया परमाणु परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र हो गया है। मॉस्को ने इसे अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने का एक कदम बताया है। फेडरेशन काउंसिल ने समग्र परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के अनुमोदन को रद्द करने वाले विधेयक को पारित किया।
अब इस विधेयक को अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास भेजा जाएगा। निचले सदन ने पिछले सप्ताह इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि मॉस्को अमेरिका के रुख की ‘बराबरी’ के लिए संबंधित विधेयक को मंजूरी देने के अपने 2000 के फैसले को रद्द कर सकता है, क्योंकि अमेरिका ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इसका अनुसरण नहीं किया है। वर्ष 1996 में अपनाया गया सीटीबीटी, दुनिया में सर्वत्र सभी परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन यह संधि कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हुई।
रूस के फैसले से बौखलाया अमेरिका
रूस के इस फैसले से अमेरिका और यूक्रेन दोनों बौखला गए हैं। दरअसल रूस ने ये कहा है कि जिस अनुमोदन को उसने रद्द करने का फैसला किया है, उसे चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इजराइल, ईरान और मिस्र द्वारा इस संधि का अनुमोदन किया जाना बाकी है। माना जा रहा है कि रूस पश्चिम को यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखने से हतोत्साहित करने के लिए परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के लिए कदम उठा सकता है। रूस के उपविदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि मॉस्को प्रतिबंध का सम्मान करना जारी रखेगा और परमाणु परीक्षण तभी फिर से शुरू करेगा जब वाशिंगटन पहले ऐसा करेगा। (एपी)
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