Britain Crisis & Liz Truss: ब्रिटेन में आर्थिक मंदी की आंधी ने 45 दिनों की प्रधानमंत्री लिज ट्रस को कुर्सी से नीचे उतार फेंक दिया है। इसके बाद अब कांटों का ताज पहनने की हिम्मत ब्रिटेन के नेताओं को नहीं हो रही है। चीन, रूस, जर्मनी और जापान समेत विश्व के कई शक्तिशाली देशों की आर्थिक हालत भी खस्ता हो चली है। वहीं भारत इस तबाही के तूफान में भी अपने मजबूत नेतृत्व और नेक इरादों और ठोस अर्थव्यवस्था की नींव पर अक्षुण खड़ा है। ब्रिटेन में जिस तरह के हालात बने हैं, उससे लगता है कि ब्रिटेन के सत्ता की चाभी भी अब भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक के हाथों में आ सकती है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ऋषि सुनक और हाल ही में पीएम पद से इस्तीफा देने वाली लिज ट्रस के बीच मुख्य मुकाबला हुआ था। हालांकि आखिरी दौर में ऋषि सुनक हार गए थे। अब ब्रिटेन में आर्थिक संकट तेज हो गया है। ऐसे में कोई मजबूत इरादों वाला नेता ही इस कांटों भरा ये ताज पहन सकता है। हालांकि पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन समेत कई सांसद, देश के नेता के रूप में लिज ट्रस की जगह लेने के लिए एक छोटे मुकाबले से पहले शुक्रवार को समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
महंगाई के चलते दे दिया था ट्रस ने इस्तीफा
ब्रिटेन की पीएम लिज ट्रस ने बृहस्पतिवार को 45 दिनों के उतार चढ़ाव वाले कर्यकाल के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह कहते हुए पद छोड़ा था कि वह कर-कटौती संबंधी आर्थिक योजनाओं को पूरा नहीं कर सकीं। कंजरवेटिव पार्टी ट्रस का स्थान लेने के लिए एक चुनाव कराने जा रही है। इससे एक सप्ताह के भीतर नया नेता चुना जाएगा, जो देश का नया प्रधानमंत्री बनेगा। जॉनसन के साथ ब्रिटेन के पूर्व वित्तमंत्री ऋषि सुनक और हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता पेनी मोर्डौंट सट्टेबाजों के पसंदीदा हैं।
लिज ट्रस से पहले जॉनसन ने छोड़ी थी कुर्सी
लिज ट्रस से पहले जॉनसन को भी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उनको कई विवादों में घिरने के बाद पार्टी द्वारा इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। जॉनसन प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने के बाद एक सांसद बने रहे। उन्होंने इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा है कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन संसद में उनके सहयोगी समर्थन जुटाने के लिए प्रयासरत हैं। नये नेता के लिए नामांकन सोमवार दोपहर को बंद हो जाएगा और उम्मीदवारों को 357 कंजरवेटिव सांसदों में से 100 के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी, जिसका अर्थ है कि अधिकतम तीन उम्मीदवार होंगे।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगी चुनौती
ब्रिटेन में नया प्रधानमंत्री जो भी बनें, लेकिन उसके बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती होगी। सांसद उक्त तीन में से एक को बाहर करने के लिए मतदान करेंगे और अंतिम दो पर एक सांकेतिक मतदान होगा। उसके बाद पार्टी के 172,000 सदस्यों को फिर एक ऑनलाइन मतदान में दो उम्मीदवारों के बीच फैसला करना होगा। नये नेता का चयन 28 अक्टूबर तक किया जाना है। सुनक नेतृत्व मुकाबले में ट्रस के बाद दूसरे स्थान पर आये थे। उन्हें कुछ लोगों द्वारा पसंद किया जाता है, जो अर्थव्यवस्था में स्थिरता ला सकते हैं। तीसरे नंबर पर आयीं मोर्डॉंट पार्टी के जमीनी स्तर पर लोकप्रिय हैं।
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