हेग: यूरोप में शरणार्थियों से जुड़े मुद्दे ने एक देश में सरकार की बलि ले ली है। नीदरलैंड में आव्रजन के मुद्दे पर 4 दलों के गठबंधन में परस्पर मतभेद के कारण सरकार गिर गई है। देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे मार्क रट के शुक्रवार को इस्तीफा देने से देश में इस साल अब आम चुनाव होंगे। रट और उनके नेतृत्व वाली सरकार नई सरकार बनने तक कामकाज संभालेगी। बता दें कि रट के इस्तीफा देने से पहले ही विपक्षी दल देश में नए आम चुनाव की मांग कर रहे थे।
‘मैंने पूरी कैबिनेट के इस्तीफे की पेशकश की है’
इस्तीफा देने के बाद रट ने राजधानी हेग में कहा, ‘आव्रजन की नीति पर गठबंधन सहयोगियों के बीच मतभेद कोई छिपी हुई बात नहीं है। आज दुर्भाग्य से हम इसी नतीजे पर पहुंचे कि ये मतभेद परस्पर विरोधी हैं। इसलिए मैंने तुरंत महाराजा को पत्र लिखकर पूरी कैबिनेट के इस्तीफे की पेशकश की।’ विपक्षी दलों के सांसदों ने भी बिना समय गंवाए नए चुनावों की मांग की। यहां तक कि विपक्षी दलों ने रट के औपचारिक इस्तीफे का इंतजार भी नहीं किया। आव्रजन विरोधी ‘पार्टी फॉर फ्रीडम’ के नेता गीर्ट विल्डर्स ने ट्वीट किया, ‘जल्द चुनाव हों।’
नीदरलैंड्स में यूक्रेन के शरणार्थियों की बड़ी संख्या
‘पार्टी फॉर फ्रीडम’ के अलावा ‘ग्रीन लेफ्ट’ पार्टी के नेता जेस्सी क्लावेर ने भी चुनाव का आह्वान किया और नीदरलैंड के प्रसारक ‘एनओएस’ से कहा, ‘इस देश को बदलाव की जरूरत है।’ रट ने बुधवार और बृहस्पतिवार देर रात तक बैठकें कीं लेकिन आव्रजन नीति पर कोई नतीजा नहीं निकल सका। शुक्रवार शाम को अंतिम दौर की वार्ता में पार्टियों ने एक स्वर में कहा कि वे सहमत नहीं हैं और गठबंधन में नहीं रह सकती हैं। बता दें कि नीदरलैंड में यूक्रेन से आए शरणार्थियों की बड़ी संख्या है और देश की विपक्षी पार्टियां नहीं चाहतीं कि शरणार्थियों या आव्रजकों की संख्या और बढे़।
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