यूक्रेन पर हमले के एक वर्ष से अधिक समय बाद उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) चीफ के अचानक कीव पहुंचने से खलबली मच गई है। आखिर क्या वजह है कि अचानक नाटो चीफ यूक्रेन पहुंचे हैं। आपको बता दें कि नाटो शुरू से ही यूक्रेन को युद्ध में मदद करता रहा है। इसे लेकर रूस और नाटो में भारी तनातनी चलती आ रही है। इसलिए रूस एक बार फिर भड़क उठा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी अपने देश को नाटो का सदस्य बनाना चाह रहे थे। यूक्रेन पर रूसी हमले की एक वजह ये भी है।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टॉल्टनबर्ग पिछले साल रूस के आक्रमण के बाद से पहली बार यूक्रेन पहुंचे हैं। नाटो के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया, “नाटो महासचिव यूक्रेन में हैं। हम जल्द से जल्द और अधिक जानकारी प्रदान करेंगे।” स्टॉल्टनबर्ग युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन गए थे, लेकिन युद्ध के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। उनकी यह यात्रा यूक्रेन की स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर नाटो की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
युद्ध में हुए नुकसान का लेंगे जायजा
नाटो प्रमुख यूक्रेन को अब तक हुए युद्ध में नुकसान का जायजा भी लेंगे। वह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिलेंगे। साथ ही युद्धग्रस्त क्षेत्र का दौरा भी कर सकते हैं। यूक्रेन को युद्ध में और अधिक मजबूत बनाने और रूस का मुकाबला करने के लिए आगे की रणनीति और हथियारों इत्यादि की मदद पर भी चर्चा होने की संभावना है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन की नाटो प्रमुख की इस यात्रा पर पैनी नजर बनी हुई है।
Latest World News