Russia-Ukraine War: रूस के साथ कई छोटे-छोटे देशों ने मिलकर वो खेलकर कर दिया है, जिसके बारे में रूस ने सोचा भी नहीं रहा होगा। मगर इन देशों के कदम से रूस की चिंता और चुनौती दोनों ही बढ़ गई है। दरअसल पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के प्रधानमंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें पर्यटन, संस्कृति, खेल और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) और शेंगेन क्षेत्र में रूसी वीजाहॉल्डर्स के प्रवेश को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने पर सहमति व्यक्त की गई है। इससे रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन भड़क गए हैं।
यह सूचना पोलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय से एक विज्ञप्ति जारी करते हुए दी गई। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया, रूस-यूक्रेन संघर्ष से पहले और विभिन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों और विचारों के तहत अधिकतर वीजा रूसी नागरिकों को जारी किए गए थे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूरोपीय संघ और शेंगेन क्षेत्र में रूसी नागरिकों की संख्या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। बयान में कहा गया है कि रूसी नागरिकों के लिए अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध 19 सितंबर तक प्रत्येक देश में लागू हो जाएगा।
रूस के खिलाफ चार देशों के प्रधानमंत्री
चार प्रधानमंत्रियों ने कहा कि वे रूस के साथ यूरोपीय संघ के वीजा सुविधा समझौते के निलंबन का स्वागत करते हैं और जारी किए गए वीजा की संख्या को अत्यधिक सीमित करने और यूरोपीय संघ और शेंगेन क्षेत्र में रूसी नागरिकों की संख्या को कम करने के लिए और उपायों का आह्वान करते हैं। 30-31 अगस्त को प्राग में अपनी अनौपचारिक बैठक के दौरान, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने वीजा सुविधा समझौते को निलंबित करने पर सहमति व्यक्त की, जो रूसी नागरिकों को वीजा जारी करने के लिए सरल प्रक्रियाओं की अनुमति देता है। हालांकि, फैसले को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। रूस ने रविवार को जवाब दिया कि अगर यूरोपीय संघ औपचारिक रूप से रूसी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध लगाता है तो वह इसके लिए जवाबी कार्रवाई करेगा।
रूस पर अमेरिका लगा चुका है कई प्रतिबंध
रूस पर इन देशों के अलावा इससे पहले कई देश बड़ा प्रतिबंध लगा चुके हैं। इनमें अमेरिका प्रमुख है। अमेरिका ने रूस से व्यापार संबंधी कई बड़े प्रतिबंध लगाकर उसके सामने मुश्किल पैदा कर दी है। उधर रूस ने इसके बदले यूरोपीय देशों को दी जाने वाली गैस की सप्लाई ही रोक दी है। इससे यूरोपीय देशों में गैस की भारी किल्लत खड़ी हो रही है। रूस ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से साफ कह दिया है कि गैसे आपूर्ति में बाधा बनने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देश, जिन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाया, वही जिम्मेदार हैं। भारत इस समय सभी के बीच मध्यस्ता कर रहा है। वह नहीं चाहता है कि वेस्ट और रूस से उसका रिश्ता खराब हो।
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