संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें उच्च स्तरीय सत्र में भारत ने पाकिस्तान को खूब लताड़ लगाई। इस दौरान भारत की पहली सचिव अनुपमा सिंह ने कहा, 'एक ऐसा देश जिसने अपने ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न को बढ़ावा दिया हो और जिसका मानवाधिकार का रिकॉर्ड खराब है, उसे भारत पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।' बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के 55वें नियमित सत्र के दौरान अनुपमा सिंह ने राइट टू रिप्लाई यानी जवाब देने के अधिकार का प्रयोग किया।
पाकिस्तान को भारत ने लगाई लताड़
उन्होंने इस दौरान कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि परिषद के मंच का पाकिस्तान द्वारा बार-बार खुलेआम झूठे आरोप प्रचारित करने के लिए दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का हिस्सा है और यह अविभाज्य है। जम्मू और कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए संवैधानिक उपाय भारत का आंतरिक मामला है। पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।'
यूएन में पाकिस्तान को तमाचा
उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि अगस्त 2023 में पाकिस्तान ने जारनवाला शहर में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर क्रूरता की थी। इस दौरान पाकिस्तान में 19 चर्चों को नष्ट कर दिया गया और 89 ईसाईयों के घरों को जला दिया गया। वो देश जो यूएनएससी द्वारा स्वीकृत आतंकवादियों को पनाह देता है और यहां तक कि उनका जश्न भी मनाता है, भारत पर टिप्पणी करना उसके लिए विरोधाभासी है। हम उस देश पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सकतें जो लाल रंग में डूबा हुआ है और सरकार उनके लोगों के हितों को पूरा करने में असफल रही हो। इनके द्वारा प्रयोजित आतंकवाद से रक्त का लाल रंग, कर्जे में डूबी बैलेंस शीट का रंग लाल, पाकिस्तान के लोगों को अपनी सरकार के प्रति शर्मिंदगी महसूस होती होगी।
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