India Refind Oil Export: भारत ने गजब तेल का खेल किया है। जिन यूरोपीय देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारती के प्रति नाराजगी जताई थी। अब भारत उन्हें ही रूस के कच्चे तेल को रिफाइंड करके बेच रहा है। अपनी क्षमता के उपयोग के बाद बचे तेल को रिफाइंड करके यूरोपीय देशों को भारत ऑइल बेच रहा है। दरअसल, भारत के पास ऑइल रिफाइन करने की क्षमता अधिक है। एनालिटिक्स फर्म केप्लर की एक हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत इस महीने रिफाइंड पेट्रोलियम का यूरोप का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यूरोपीय यूनियन ने दिसंबर 2022 में रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ समय बाद यूरोपीय देशों ने रूस के रिफाइंड तेल उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिए थे।
रूस पर लगे प्रतिबंध के बाद यूरोप में आई तेल की किल्लत
यूरोप रूस से अपने इस्तेमाल का 30 फीसदी तेल खरीदता था। लेकिन जंग शुरू होने के बाद प्रतिबंध लग जाने के कारण वे रूस से तेल नहीं खरीद पाए और उनके यहां तेल की किल्लत हो गई। यूरोपीय देशों की इसी किल्लत को भारत पूरा कर रहा है। भारत की तेल कंपनियां इस कमी को पूरा करने का बीड़ा उठा रही हैं। इस तरह भारत यूरोपीय देशों को रिफाइंड तेल की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश बनकर उभरा है।
भारत ने 9 महीने में 1.16 करोड़ टन रिफाइंड पेट्रोलियम यूरोपीय देशों को बेचा
भारत तेल का बड़ा आयातक है, लेकिन रिफाइनिंग क्षमता अधिक है। भारत की रिफाइनिंग कंपनियां घरेलू मांग से अधिक तेल रिफाइन करती हैं। अप्रैल 2022 से लेकर जनवरी 2023 के बीच भारत ने यूरोप को 1.16 करोड़ टन रिफाइंड पेट्रोलियम का निर्यात किया। भारत के कुल रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के निर्यात का 22 प्रतिशत अकेले यूरोपीय यूनियन को जा रहा है। केप्लर के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि भारत से यूरोप का रिफाइंड ईंधन आयात प्रतिदिन 360,000 बैरल से अधिक होने वाला है। हालांकि रूस की अपेक्षा भारत से तेल मंगाना यूरोपीय देशों के लिए काफी महंगा पड़ रहा है। लेकिन जंग के कारण रूस पर लगे प्रतिबंध उनके लिए मजबूरी बने हुए हैं।
अमेरिका, यूरोप के ऐतराज के बाद भी रूस से तेल खरीद रहा भारत
रूस.यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत रूस से लगभग एक प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता था लेकिन एक ही साल में यह बढ़कर फरवरी 2023 में 35 फीसद तक पहुंच गया। इस वक्त भारत रूस से प्रतिदिन 16.2 बैरल कच्चा तेल खरीद रहा है। हालांकि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर ऐतराज जताया गया, लेकिन भारत ने ताकत के साथ अपनी बात को रखा और अपनी जरूरत का हवाला देते हुए तेल खरीदने की जरूरत बताई।
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