मोदी-मेलोनी वार्ता से नई ऊंचाई की ओर बढ़ी भारत-इटली की रणनीतिक साझेदारी, यूरोप आर्थिक गलियारे से बढ़ेगी धमक
इटली में संपन्न हुए जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान भारत और इटली की रणनीतिक और सामरिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर बल दिया गया। साथ ही भारत-यूरोप आर्थिक गलियारे में सहयोग पर सहमति बनी।
बारी (इटली): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी की वार्ता ने भारत-इटली की रणनीतिक साझेदारी को अब नई ऊंचाई की ओर बढ़ा दिया है। पिछले कुछ वर्षों में इटली भारत का मजबूत साझीदार बनकर उभरा है। अब भारत और इटली का रिश्ता नए मुकाम की ओर अग्रसर है। यह दोनों देशों के बीच संबंधों का एक नया अध्याय है। जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने अपनी समकक्ष मेलोनी के साथ दोनों देशोंं के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित वैश्विक मंचों तथा बहुपक्षीय प्रस्तावों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।
ऐसा माना जा रहा है कि भारत के प्रति इटली के मजबूत सहयोग से भारत-यूरोप आर्थिक गलियारे में हिंदुस्तान की धमक आने वाले दिनों में और बढ़ेगी। पीएम मोदी ने दक्षिणी इटली के अपुलिया की एक दिवसीय यात्रा के अंत में शुक्रवार को मेलोनी से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए इटली की प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। विदेश मंत्रालय ने बैठक के बारे में जारी विज्ञप्ति में कहा कि नेताओं ने खुले एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई और भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे पर भी चर्चा की।
चीन के खिलाफ भारत का साथ देगा इटली
क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियों के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों नेता मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने की खातिर तैयार रूपरेखा के तहत क्रियान्वित की जाने वाली संयुक्त गतिविधियों के लिए तत्पर हैं।’’ इसने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की तथा भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित वैश्विक मंचों और बहुपक्षीय प्रस्तावों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) परियोजना के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन तंत्र की परिकल्पना की गई है। ताकि एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम के बीच जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके।
भारत-इटली की सामरिक साझेदारी भी होगी मजबूत
पिछले वर्ष दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईसी को अंतिम रूप दिया गया था। इसने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने नियमित राजनीतिक संवाद पर संतोष व्यक्त किया और भारत-इटली सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। बढ़ते व्यापार और आर्थिक सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, कृत्रिम मेधा और महत्वपूर्ण खनिजों में वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करने का आह्वान किया।’’ विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘इस संदर्भ में, उन्होंने औद्योगिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर हाल ही में हुए समझौता ज्ञापन का स्वागत किया। यह अधिकार पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क पर सहयोग के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की तथा रक्षा-औद्योगिक सहयोग को और बढ़ाने की आशा व्यक्त की।
भारत की यात्रा पर आएगा इटली को युद्धपोत
नेताओं ने इस वर्ष के अंत में इतालवी विमानवाहक पोत आईटीएस कैवूर और प्रशिक्षण पोत आईटीएस वेस्पुची की भारत यात्रा का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए इटली सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे स्मारक का उन्नयन करेगा। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि ‘वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन’ के तहत समन्वय पर गौर करते हुए नेताओं ने ऊर्जा परिवर्तन में सहयोग के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर का स्वागत किया जिससे स्वच्छ और हरित ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के वास्ते 2025-27 के लिए सहयोग के नए कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त की। इससे पहले शुक्रवार को मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इसके साथ ही अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेताओं ने पोप फ्रांसिस के साथ कृत्रिम मेधा, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर संबंधी सत्र को संबोधित किया। (भाषा)
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