India European Union Relation: जयशंकर की यूरोप यात्रा के बीच यूक्रेन संकट पर भारत को भरोसे में ले रहा ईयू
ईयू के अधिकारी ने कहा कि भारत मित्र और साझेदार है और 27 देशों का समूह (ईयू) यूक्रेन संकट को लेकर नई दिल्ली के नियमित संपर्क में है।
Highlights
- कूटनीति और बातचीत के जरिये इस संकट को टालने का रास्ता निकालने की कोशिश: ईयू
- इस सप्ताह यूरोप की यात्रा पर जाएंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर
नई दिल्ली। यूरोपीय संघ (ईयू) यूक्रेन की स्थिति को लेकर आकलन और रूस द्वारा उस पर हमला करने की स्थिति में समूह की संभावित कार्रवाई को लेकर भारत को भरोसे में ले रहा है। ईयू के अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत मित्र और साझेदार है और 27 देशों का समूह (ईयू) यूक्रेन संकट को लेकर नई दिल्ली के नियमित संपर्क में है। उन्होंने बताया कि समूह कूटनीति और बातचीत के जरिये इस संकट को टालने का रास्ता निकालने के लिए ‘पुरजोर’ तरीके से प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और हिंद-प्रशांत मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस हफ्ते यूरोप की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है। जयशंकर की यूरोप में होने वाली बैठकों में यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है। अधिकारी ने पत्रकारों के समूह से कहा कि ईयू, यूक्रेन के साथ खड़ा है और अगर रूस, कीव के खिलाफ आक्रमकता दिखाता है तो उसके ‘वृहद नतीजे’ होंगे।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के मद्देनजर मंगलवार को भारत ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों विशेष रूप से छात्रों से अस्थाई रूप से देश छोड़ने और देश के भीतर किसी भी तरह की गैर जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी थी। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत ने यूक्रेन में भारतीय छात्रों की संख्या 20,000 बताई, जो कीव में भारतीय दूतावास द्वारा 2020 में अनुमानित 18,000 की संख्या से अधिक है।
कीव में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को कहा, ‘यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं को देखते हुए यूक्रेन में भारतीय नागरिक विशेष रूप से छात्रों जिनका वहां रहना आवश्यक नहीं है, वे अस्थाई तौर पर वहां से निकलने पर विचार कर सकते हैं। भारतीय नागरिकों से यूक्रेन के भीतर गैर जरूरी यात्राओं से बचने की भी सलाह दी जाती है।’ बयान में कहा गया, ‘भारतीय नागरिकों से आग्रह है कि वे यूक्रेन में अपनी स्थिति के बारे में दूतावास को सूचित करते रहें ताकि जरूरत पड़ने पर दूतावास उनसे संपर्क साध सके।. दूतावास यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को सभी तरह की सेवाएं मुहैया कराने के लिए सामान्य ढंग से काम करना जारी रखेगा।’ यह कदम रूस के यूक्रेन पर हमला करने की आशंकाओं के बीच आया है। हालांकि, रूस ने किसी भी तरह की हमले की योजनाओं से इनकार किया है लेकिन रूस ने यूक्रेन सीमा के पास 130,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की है।
बता दें कि यूक्रेन में अधिकांश भारतीय छात्र मेडिकल कॉलेजों में पढ़ते हैं। दरअसल यूक्रेन पिछले कई दशकों से मेडिकल की पढ़ाई के लिए लोकप्रिय स्थान रहा है। इस संबंध में जारी की गई एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया, ‘जिन भारतीय नागरिकों के लिए यूक्रेन में रहना जरूरी नहीं है, वे देश छोड़ सकते हैं।’
फिलहाल भारतीय दूतावास यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारियां इकट्ठा कर रहा है. दूतावास ने भारतीय नागरिकों से पिछले कुछ हफ्तों से सर्कुलेट किए जा रहे गूगल फॉर्म के जरिये दूतावास की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर करने को भी कहा है।
बता दें कि यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले के मद्देनजर दर्जनभर से अधिक देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का आग्रह किया है. अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। ऑस्ट्रेलिया, इटली, इजरायल, नीदरलैंड और जापान सहित कई देशों ने भी अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कहा है। कुछ देशों ने तो अपने राजनयिक स्टाफ और उनके परिवारों को सकुशल यूक्रेन से बाहर निकाल भी लिया है।