Russia-India: रूस और भारत की दोस्ती काफी पुरानी है। यूक्रेन से जंंग के खिलाफ अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए कई प्रस्तावों पर भारत ने रूस का विरोध नहीं किया, बल्कि न्यूट्रल रहकर दोस्ती निभाई। हालांकि दोस्ती के नाते ही पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को जंग से बचने की सलाह भी दी। जिसकी दुनिया ने प्रशंसा की।
हाल ही में भारत ने रूस से दोस्ती का एक और उदाहरण पेश किया। दरअसल, जी-7 देशों व उनके सहयोगियों द्वारा रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाने का भारत ने समर्थन नहीं किया। रूस ने भारत के इस फैसले का स्वागत किया है। रूसी उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर के साथ अपनी बैठक के दौरान बयान दिया।
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उप-प्रधानमंत्री ने रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाने का समर्थन नहीं करने के भारत के फैसले का स्वागत किया, जिसकी घोषणा पांच दिसंबर को जी7 देशों और उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी। इससे पहले सितंबर में जी-7 देशों ने रूस से तेल आयात पर प्राइस कैप लगाने पर सहमति जताई थी।
बयान के मुताबिक, नोवाक ने कहा कि रूस ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति के लिए अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी से निभा रहा है और ऊर्जा संकट के बीच पूर्व-दक्षिण के देशों को ऊर्जा निर्यात कर रहा है। रूसी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि साल 2022 के पहले आठ महीनों में भारत के रूसी तेल आयात बढ़कर 16.35 मिलियन टन पहुंच गया। विशेष रूप से, यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात करना जारी रखा।
भारत को तेल आपूर्ति में दूसरे स्थान पर रूस
इस साल गर्मियों के दौरान भारत को तेल की आपूर्ति के मामले में रूस दूसरे स्थान पर था। इसके अलावा, रूस से तेल उत्पादों और कोयले की आपूर्ति में भी बढ़ोतरी हुई है।
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