संयुक्त राष्ट्रः भारत ने संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को दर्ज करने और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति की निगरानी के लिए एक नये डेटाबेस की शुरुआत की है। इससे कई खेमे में खलबली मच गई है। ताजा मामले में अभी इजरायल ने भी संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले काम करने वाले एक ऐसे ही समूह पर हमास के साथ युद्ध में शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने जो डेटाबेस तैयार किया है, वह दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों के अपराधों के खिलाफ कार्रवाई के लिए है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की दूत रुचिरा कंबोज ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में जवाबदेही तय करने की पुरजोर वकालत कर रहा है। मंगलवार को डेटाबेस की शुरुआत की घोषणा भारत के नेतृत्व वाले ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ (जीओएफ) की एक उच्च-स्तरीय बैठक में की गई। कंबोज ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को दर्ज करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने में प्रगति की निगरानी करने के लिए तैयार एक नए डेटाबेस की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
जवाबदेही की वकालत में सबसे आगे भारत
भारत जवाबदेही की वकालत करने में सबसे आगे है और इस उद्देश्य के लिए ‘ग्रुप ऑफ फ्रैंड्स’ (जीओएफ) का नेतृत्व कर रहा है।’’ संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि डेटाबेस को ऑनलाइन तरीके से आंकड़े संरक्षित करने के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया गया है, जो सचिवालय, मिशन और सदस्य राज्यों को शांति सैनिकों के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के मामलों की निगरानी और इनका समाधान करने के लिए सशक्त बनाता है। भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान जीओएफ को शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए 2022 में गठित किया गया था। भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरक्को और नेपाल जीओएफ के सह-अध्यक्ष हैं, जिसमें 40 सदस्य देश शामिल हैं। (भाषा)
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