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भारत और ब्रिटेन बढ़ाएंगे चीन की टेंशन, हिंद महासागर में तैनात होंगे ब्रिटिश युद्धपोत, राजनाथ के दौरे पर घोषणा

भारत के साथ दोस्ती दिखाते हुए ब्रिटेन हिंद महासागर में अपने युद्धपोत भेजकर तैनात करेगा। इससे चीन की टेंशन बढ़ने वाली है। ब्रिटेन ने यह खुलासा भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ब्रिटेन यात्रा के दौरान किया है।

हिंद महासागर में तैनात होंगे ब्रिटिश युद्धपोत- India TV Hindi Image Source : FILE हिंद महासागर में तैनात होंगे ब्रिटिश युद्धपोत

Rajnath Singh Britain Visit: भारत और ब्रिटेन मिलकर चीन की टेंशन बढ़ाने वाले हैं। समंदर में अपनी दादागिरी दिखाने वाले चीन को उसकी हैसियत बताने के लिए ब्रिटेन भारत के साथ ​दोस्ती दिखाते हुए हिंद महासागर में अपने युद्धपोत भेजकर तैनात करेगा। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ब्रिटेन दौरे के दौरान इस बात पर स​हमति बनी है। 

ब्रिटेन सरकार ने बुधवार को भारतीय सेना के साथ संचालन और प्रशिक्षण के लिए इस साल के अंत में हिंद महासागर क्षेत्र में रॉयल नेवी के युद्धपोतों को तैनात करने की योजना का खुलासा किया। इसे ब्रिटेन-भारत के बीच सुदृढ़ होते रणनीतिक संबंधों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि लिटोरल रिस्पांस ग्रुप (एलआरजी) को इस साल तैनात किया जाएगा और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीआरजी) की 2025 में संयुक्त भारत-ब्रिटेन प्रशिक्षण के लिए तैनाती होगी। शाप्स ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारत-ब्रिटेन रक्षा उद्योग सीईओ गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की।

ब्रिटेन की सबसे उन्नत नौसैनिक क्षमताओं की तैनाती को ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारत के साथ सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में एक निर्णायक कदम के रूप में उल्लेख किया है। शाप्स ने कहा, ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखें।''

उन्होंने कहा, ''एक साथ मिलकर, हम समान सुरक्षा चुनौतियों को साझा करते हैं और खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ हैं। यह स्पष्ट है कि यह रिश्ता लगातार मजबूत होता जा रहा है, लेकिन हमें उन खतरों और चुनौतियों के मद्देनजर वैश्विक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए जो हमें अस्थिर और नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।''

राजनाथ ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कही ये बात

एलआरजी रॉयल नेवी का कार्य समूह है जिसमें कम से कम दो युद्धक जहाज शामिल हैं। सीआरजी रॉयल नेवी का विमान वाहक युद्धपोत है। सीआरजी की पहली तैनाती 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हुई थी, जहां इसने भारतीय बलों के साथ संयुक्त अभ्यास किया था। सम्मेलन के बाद रक्षा मंत्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'लंदन में ब्रिटेन-भारत रक्षा सीईओ गोलमेज बैठक में उद्योग जगत के नेताओं और सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के साथ शानदार बातचीत हुई।' उन्होंने कहा, 'भारत सहयोग, सह-निर्माण और सह-नवोन्मेष के लिए ब्रिटेन के साथ एक समृद्ध साझेदारी की कल्पना करता है। दोनों देशों की शक्तियों का समन्वय करके हम मिलकर बड़ा कार्य कर सकते हैं।'

ब्रिटेन और भारत शुरू करेंगे सेनाओं के बीच अभ्यास: रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नवीनतम तैनाती इस सप्ताह भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ब्रिटेन यात्रा के दौरान बढ़ी हुई साझेदारी को दर्शाती है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'आने वाले वर्षों में ब्रिटेन और भारत अपनी-अपनी सेनाओं के बीच और अधिक जटिल अभ्यास शुरू करेंगे। इसके तहत, 2030 के अंत से पहले एक महत्वपूर्ण संयुक्त अभ्यास करेंगे, जो महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नियमों को बनाए रखने के साझा लक्ष्यों का समर्थन करेंगे।' 

राजनाथ सिंह ने ब्रिटिश पीएम सुनक को भेंट की श्रीराम की मूर्ति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ गर्मजोशी भरी बैठक कर और एक सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मिलने के बाद यहां की अपनी यात्रा बृहस्पतिवार को संपन्न की। सिंह ने यहां प्रधानमंत्री आवास सह कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ में बुधवार को सुनक से मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा और आर्थिक संबंधों के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। सिंह ने बैठक के दौरान, ब्रिटेन के प्रथम हिंदू प्रधानमंत्री सुनक को राम दरबार की एक मूर्ति भी भेंट की। रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, ‘‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ लंदन में गर्मजोशी भरी बैठक हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनके साथ कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। हमने रक्षा, आर्थिक सहयोग के मुद्दों तथा भारत और ब्रिटेन द्वारा शांतिपूर्ण व स्थिर वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था बना सकने के तरीकों पर चर्चा की।’’

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