आप भी खाते हैं बचा हुआ खाना तो जान लें काम की बात, यहां मिल जाएगा हर सवाल का जवाब
हम जो खाना खाते हैं उसे लेकर अक्सर मन में कई तरह के सवाल होते हैं। खासकर बचे हुए खाने को लेकर। सही तरीकों का पालन कर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जब आप बचा हुआ भोजन करें तो आप सुरक्षित रहें।
ब्रिटेन: बचे हुए खाने को खाना पैसे बचाने, व्यंजनों में विविधता लाने और भोजन की बर्बादी को कम करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। मगर बचा हुआ भोजन खाना जोखिम भरा भी हो सकता है, क्योंकि यह जीवाणु के संपर्क में भी आ जाता है। अगर आपने बचे हुए खाने को सही तरीके से नहीं रखा और सही तरीके से गर्म नहीं किया तो आप विषाक्त भोजन की चपेट में आ सकते हैं, जो जानलेवा भी हो सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप बचे हुए भोजन को खाना छोड़ दें। खाने को ठीक रखने के लिए सही तरीकों का पालन कर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जब आप बचा हुआ भोजन करें तो आप सुरक्षित रहें।
बचे हुए भोजन को कितनी जल्दी फ्रिज में रखा जाए?
हमारी दुनिया में जीवाणु हर जगह मौजूद हैं, जिनमें रसोई और उनके भीतर रखे खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं। भोजन को खराब करने वाले जीवाणु पोषक तत्वों, नमी और तापमान के साथ तेजी से बढ़ सकते हैं। कुछ की संख्या 20 मिनट में दोगुनी हो जाती है। यह अहम है कि बचे हुए खाने को यथाशीघ्र और अधिकतम दो घंटे के अंदर फ्रिज या फ्रीजर में रख देना चाहिए। समय को लेकर दी गई यह सलाह इस बात पर आधारित है कि फ्रिज के बाहर के तापमान पर भोजन में जीवाणु कितनी तेजी से बढ़ सकते हैं और इसका मतलब है कि बचे हुए खाने को पांच डिग्री सेल्सियस से ज्यादा के तापमान पर अधिक समय तक छोड़ा गया तो यह सेवन के लिए कम सुरक्षित हो जाता है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बचे हुए भोजन को अच्छी तरह से ढका जाए। भोजन को ढकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की पन्नी या ‘एयरटाइट’ ढक्कन से खाने को ढकना चाहिए जो भोजन को हवा के संपर्क में आने से रोकता है। यह अहम है, क्योंकि बहुत से जीवाणुओं को बढ़ने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
फ्रिज में रखे बचे हुए भोजन को कब तक खाना सुरक्षित है?
अपने फ्रिज को शून्य से पांच डिग्री के बीच के तापमान पर रखें, क्योंकि इतना तापमान बचे हुए भोजन में ऐसे जीवाणुओं को पनपने से रोकता है जो खाद्य विषाक्तता का कारण बनते हैं। बचे हुए खाने को दो दिन के अंदर खा लेना चाहिए, क्योंकि इसके बाद हानिकारक जीवाणु को पनपने का समय मिल जाता है। दरअसल, लिस्टेरिया जैसे रोगाणु फ्रिज के तापमान में भी पनप सकते हैं और दो दिन से अधिक वक्त के बाद इनके बढ़ने की अधिक संभावना है इसीलिए आपको बचे हुए खाने को रखने के लिए यह समय सीमा दी गई है। अगर आपको नहीं लगता कि आप उस समय सीमा में अपना बचा हुआ भोजन खा लेंगे, तो खाने को जमाने पर विचार करें। बचे हुए खाने को शून्य से 18 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर जमाकर तीन महीने तक रखा जा सकता है। जब आप बचे हुए खाने को दोबारा गर्म करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भोजन पूरी तरह गर्म हो। अगर ऐसा नहीं हो तो भोजन न खाएं। बचे हुए खाने को इतना गर्म किया जाना चाहिए कि खाने के अंदर का तापमान कम से कम 74 डिग्री सेल्सियस हो जाए। चटनी, सूप और ग्रेवी (तरी) को कम से कम तीन मिनट तक हिलाते हुए पूरी तरह उबालना सबसे अच्छा है। ये तरीके ज्यादातर जीवाणुओं को मार देंगे और विषाक्तता पैदा करने वाले अन्य पदार्थों को निष्क्रिय कर देंगे। माक्रोवेव में गर्म करने पर भी यही ध्यान रखना चाहिए कि खाने का अंदर का तापमान 74 डिग्री सेल्सियस हो जाए।
क्या आप बचे हुए भोजन को एक से अधिक बार गर्म कर सकते हैं?
आपको बचे हुए भोजन को एक से अधिक बार गर्म नहीं करना चाहिए। खाना जब भी गर्म होता है और ठंडा होता है, तो यह किसी भी हानिकारक जीवाणु को फिर से पनपने के लिए सही तापमान और आवश्यक समय प्रदान करता है। इसके बाद अगली बार जब आप बचे हुए भोजन को फिर गर्म करेंगे तो सभी रोगाणुओं को मारना कठिन हो जाएगा। अगर आपको नहीं लगता कि आप दो दिन में अपना सारा बचा हुआ खाना खा लेंगे, तो उसे फ्रीजर में जमा दें।
क्या आप पैक कराकर लाए खाने को दोबारा गर्म कर सकते हैं?
आप पैक कराकर लाए भोजन को सुरक्षित रूप से दोबारा गर्म कर सकते हैं या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इसे कैसे संग्रहीत किया है। अगर आपने इसे अपनी कार के पीछे गर्म रखा या घर में कमरे के तापमान पर दो घंटे से अधिक समय तक छोड़ दिया था, तो भोजन से खाद्य विषाक्तता का खतरा हो सकता है- खासकर तब जब आप इसे पहले ही छू चुके हैं या आंशिक रूप से खा चुके हैं। लेकिन अगर आपने खाने को ज्यादा हाथ नहीं लगाया और खरीदने के दो घंटे के अंदर ही उसे फ्रिज में रख दिया तो खाने को फिर से गर्म करना सुरक्षित है। पके हुए चावल के व्यंजनों को बचाना संभवतः सबसे जोखिम भरा है। कच्चे चावल में बैसिलस सेरेस के बीजाणु हो सकते हैं, जो भोजन विषाक्तता का कारण बनता है। चावल पकाने पर मूल जीवाणु मर जाते हैं, लेकिन इसके बीजाणु उबलते पानी के तापमान में जीवित रह सकते हैं। चावल को पकाने के बाद दो से तीन घंटे के भीतर फ्रिज में नहीं रखा गया तो जीवाणु पनप सकते हैं और यह चावल को खराब कर सकते हैं जिनका सेवन करने से अतिसार, पेट दर्द और उलटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। (द कन्वरसेशन)
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