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Hindi News विदेश यूरोप यूक्रेन के समर्थन को लेकर NATO अभियान से क्यों बाहर रहना चाहता है हंगरी, पीएम विक्टर ओर्बन ने बताई वजह

यूक्रेन के समर्थन को लेकर NATO अभियान से क्यों बाहर रहना चाहता है हंगरी, पीएम विक्टर ओर्बन ने बताई वजह

रूस के खिलाफ 2 वर्षों से अधिक समय से जंग लड़ रहे यूक्रेन की हालत अब खस्ता होने लगी है। यूरोपीय देशों का समर्थन अब कम होने से जेलेंस्की की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। अब हंगरी ने भी यूक्रेन को समर्थन देने वाले नाटो के अभियान से खुद को अलग कर लिया है।

यूक्रेनी सैनिक। - India TV Hindi Image Source : AP यूक्रेनी सैनिक।

बूडपेस्ट (हंगरी): यूक्रेन भले ही रूस के खिलाफ 2 वर्षों से अधिक समय से हौसले के साथ रूस से जंग लड़ रहा है, लेकिन अब उसको मिल रहे यूरोपीय समर्थन में कमी आने लगी है। हंगरी भी यूक्रेन को समर्थन देने वाले नाटो अभियान से खुद को दूर ही रखना चाहता है। हंगरी के  प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन का समर्थन करने के उद्देश्य से उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के किसी भी अभियान से हंगरी बाहर रहना चाहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य गठबंधन (नाटो) और यूरोपीय संघ रूस के साथ अधिक प्रत्यक्ष संघर्ष की तरफ बढ़ रहे हैं।

ओर्बन ने सरकारी रेडियो सेवा से कहा कि आने वाले वर्षों में मॉस्को के व्यापक हमले के खिलाफ यूक्रेन को अधिक भरोसेमंद सैन्य सहायता उपलब्ध कराने पर बल देने उस योजना का हंगरी विरोध करता है जिस पर नाटो विचार कर रहा है। नाटो इस योजना पर मंथन इसलिए कर रहा है कि बेहतर सशस्त्र रूसी सैनिकों ने युद्ध के मैदान पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। ओर्बन ने कहा, ‘‘हम इसे सहमति नहीं देते, ना ही हम (यूक्रेन के लिए) वित्तीय समर्थन या सशस्त्र समर्थन प्रदान करने में शामिल होना चाहते हैं, यहां तक कि नाटो के प्रारूप में रहकर भी हम ऐसा नहीं करेंगे।’’ ओर्बन ने कहा कि हंगरी ने कीव के समर्थन में नाटो द्वारा चलाए गये किसी संभावित अभियान में शामिल नहीं होने का रुख अख्तियार किया है।

नाटो की कार्रवाई में भाग नहीं लेगा हंगरी

हंगरी के पीएम ने कहा, ‘‘ हमें सैन्य गठबंधन के भीतर अपनी स्थिति को फिर से परिभाषित करना होगा, और हमारे वकील और अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं। हंगरी अपने क्षेत्र के बाहर नाटो की कार्रवाई में भाग न लेते हुए नाटो सदस्य के रूप में कैसे मौजूद रह सकता है।’’ यूरोपीय संघ में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी साझेदार माने जाने वाले ओर्बन ने एक रक्षात्मक गठबंधन के रूप में नाटो की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह मध्य और पूर्वी यूरोप के कुछ देशों की उन चिंताओं से सहमत नहीं हैं कि रूस की सेना यूक्रेन में जीतने पर भी अपनी आक्रामकता समाप्त नहीं करेगी। (एपी)

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